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प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप के लिए जामिया रिसर्च स्कॉलर रुबीना का चयन

नई दिल्ली, 5 दिसम्बर (आईएएनएस)। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की पीएचडी रिसर्च स्कॉलर रुबीना को प्रधान मंत्री रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) के लिए चुना गया है। रुबीना को मई-2021 ड्राइव में डायरेक्ट एंट्री श्रेणी के तहत प्रतिष्ठित प्रधान मंत्री रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) के लिए चुना गया है। जामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने इस पुरस्कार के लिए छात्रा को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि वह गुणवत्तापूर्ण शोध परिणाम के साथ फेलोशिप को उचित सिद्ध करेंगी। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मुन्ना खान ने इस उपलब्धि पर कहा कि शोधार्थी को पहले दो वर्षों के लिए 70,000 रुपये, तीसरे वर्ष के लिए 75,000 रुपये, चौथे और 5वें वर्ष के लिए क्रमश 80,000 रुपये की मासिक फेलोशिप भी प्राप्त होगी। इसके अलावा, इस योजना के तहत शोधार्थी प्रति वर्ष 2 लाख रुपये (पांच साल के लिए 10 लाख रुपये) के शोध अनुदान के लिए भी पात्र है। रुबीना का शोध डेवलपमेंट ऑफ स्मार्ट कैपेसिटी सेन्सर्स फॉर कंडीशन मोनिटरिंग ऑफ इलेक्ट्रिकल एपारेटस इन स्मार्ट ग्रिड्स पर आधारित होगा। जिसका मुख्य उद्देश्य ट्रांसफॉर्मर और गैस इंसुलेटेड स्विचगियर्स (जीआईएस) जैसे प्रमुख विद्युत उपकरणों की रियल टाइम ऑनलाइन हेल्थ निगरानी के लिए बेहतर स्थिर और गतिशील विशेषताओं के साथ कैपेसिटिव सेंसर बनाना है। कैपेसिटिव सेंसर व्यापक रूप से सेंसिंग एप्लीकेशन्स के लिए उपयोग किए जाते हैं लेकिन ज्यादातर पैरलल प्लेट और नैनोस्ट्रक्च र सेंसिंग फिल्मों के साथ प्लेनर इंटरडिजिटल कैपेसिटिव सेंसर होते हैं। यद्यपि नैनोस्ट्रक्च र मैटेरियल्स आजकल व्यापक रूप से सेंसिंग एप्लीकेशन्स के लिए उपयोग की जाती है और वास्तविक समय एप्लीकेशन्स के लिए नैनोमटेरियल्स की स्थिरता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। शोधकर्ता ज्यादातर सेंसिंग पर ध्यान देते हैं, जिसे आधुनिक उन्नत आईसी उपकरणों के साथ आसानी से एड्रेस किया जा सकता है लेकिन स्थिरता के कारण सेंसर के प्रदर्शन में गिरावट आईसीएस द्वारा एड्रेस करना मुश्किल है। रुबीना, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, जामिया में प्रो. तारिकुल इस्लाम के निर्देशन में पीएचडी कर रही हैं। वह डिजाइन मॉडलिंग एंड फेब्रिकेशन ऑफ हाई परफॉरमेंस कैपेसिटिव सेंसर फॉर नॉन कांटेक्ट मेजरमेंट ऑफ सम इम्पोर्टेन्ट पैरामीटर्स इन स्मार्ट ग्रिड पर काम करेंगी। स्मार्ट ग्रिड के लिए सेंसरों को विद्युत इलेक्ट्रो मैग्नेटिक नॉइज इंटरफेस के साथ हाई टेम्परेचर कोरोसिव एनवायरनमेंट जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। जामिया विश्वविद्यालय के मुताबिक अनुसंधान कार्य नॉवेल कैपेसिटिव सेंसर के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा जोकि लागत प्रभावी होगा, स्थापित करने में आसान और एप्लिकेशन की जरूरतों को पूरा करेगा। रुबीना ने प्रोफेसर ए.क्यू. अंसारी, समन्वयक पीएमआरएफ योजना, अध्यक्ष, डीन इंजीनियरिंग एवं प्रोद्योगिकी संकाय, पर्यवेक्षक और विभाग के अन्य सदस्यों का इस उपलब्धि में उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। गौरतलब है कि दिसंबर 2020 ड्राइव की लेटरल एंट्री स्कीम के तहत जामिया के छह रिसर्च स्कॉलर्स को पीएमआरएफ के लिए चुना गया था। इन छह में से पांच छात्राएं हैं। इस आकर्षक फेलोशिप योजना का मुख्य अभिप्रेरण अनुसंधान में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को आकर्षित करना है जिससे नवाचार के माध्यम से विकास की ²ष्टि को साकार किया जा सके। इस योजना की घोषणा बजट 2018-19 में की गई थी। --आईएएनएस जीसीबी/आरजेएस

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