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जयपुर से दिल्ली 2 घंटे में, गडकरी ने एक्सप्रेस-वे की प्रगति की समीक्षा की

जयपुर, 16 सितम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जो गुरुवार को मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे की प्रगति की समीक्षा के लिए राजस्थान में थे, उन्होंने घोषणा की कि जयपुर और दिल्ली के बीच की दूरी जल्द ही केवल दो घंटे में पूरी हो जाएगी। दौसा और बूंदी में अपने दो मीडिया संवादों में उन्होंने कहा, दिल्ली-जयपुर को ई-हाईवे बनाने की भी योजना है। यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है और बातचीत चल रही है। इस राजमार्ग पर पैसे बचाने और प्रदूषण की जांच करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन चलेंगे। राजस्थान में इस एक्सप्रेस-वे के तहत 16,600 करोड़ रुपये की लागत से 374 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाना है, जिसके लिए कार्य आवंटित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह एक्सप्रेसवे अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिलों में विकास को मजबूत करेगा। साथ ही यह विकासशील किसानों, आदिवासियों और युवाओं द्वारा सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन भी लाएगा। गडकरी ने आगे कहा कि रणथंभौर और मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से निकलने वाले एक्सप्रेस-वे के हिस्से को एलिवेटेड कॉरिडोर की तरह बनाया जाएगा, ताकि अभयारण्य में रहने वाले जानवरों को किसी तरह की परेशानी ना हो। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे 1,350 किमी लंबा है, जिसे भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा है। इस पर 90,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस परियोजना को जनवरी 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह एक्सप्रेसवे देश के 5 राज्यों- दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा। गडकरी ने आगे कहा, हम कोशिश करेंगे कि इस राजमार्ग के लिए यातायात नियमों को बदला जा सके और अधिकतम गति लगभग 100 किमी प्रति घंटे की अनुमति दी जाए क्योंकि सड़क पर कोई जानवर या व्यक्ति नहीं चलेंगे। गडकरी ने आगे कहा कि हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली और अमृतसर के बीच की दूरी चार घंटे में, दिल्ली से कटरा की दूरी छह घंटे में, दिल्ली से मुंबई की दूरी 12 घंटे में तय हो। मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा, जो कई सुविधाओं से लैस होगा। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक चाजिर्ंग की सुविधा होगी। राजस्थान के हैंडलूम और भोजन को प्रदर्शित करने की भी हमारी योजना है। अगर यहां की सरकार रसद, औद्योगिक क्लस्टर, स्मार्ट सिटी आदि की योजना बना सकती है, तो यहां के युवाओं को भी पर्याप्त अवसर मिल सकते हैं। --आईएएनएस एचके/एएनएम

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