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किसान नेताओं के खि़लाफ़ लुकआउट नोटिस जारी करना अनुचितः कैप्टन अमरिंदर

चंडीगढ़, 28 जनवरी ( हि.स.)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरुवार को किसान नेताओं को लुकआउट नोटिस जारी किए जाने को पूरी तरह से ग़लत करार दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों के प्रति मुल्क छोड़ जाने का डर प्रकट करना न सिर्फ तर्कहीन है, बल्कि निंदनीय भी है। मुख्यमंत्री ने आज एक वक्तव्य में कहा, ‘‘यह किसान नेता कहाँ भाग जाएंगे?’’ उन्होंने कहा कि बहुत से किसान कम ज़मीन वाले छोटी जोत से जुड़े हैं, न कि विजय माल्या, नीरव मोदी, ललित मोदी या मेहुल चौकसी जैसे बड़े कॉर्पोरेट भगौड़े हैं, जो मुल्क के अरबों रुपये लूटने के बाद पिछले कुछ सालों से देश से भाग गए थे। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘आप इन बड़े भगौड़ों पर हाथ डालने में तो नाकाम रहे परन्तु अब अपने हक की लड़ाई लड़ रहे किसानों को निशाना बना रहे हो।’’ उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि लुकआउट नोटिस वापस लेने के लिए तुरंत दिल्ली पुलिस को आदेश जारी किए जाएं। मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा में किसानों के खि़लाफ़ बिना कोई सुबूत के एफआईआर में किसान नेताओं का नाम शामिल करने के लिए दिल्ली पुलिस के फ़ैसले पर सवाल उठाया है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, ‘‘एक अलग हुए पक्ष या कुछ असामाजिक तत्व, जिन्होंने लाल किले और राष्ट्रीय राजधानी के अन्य हिस्सों में हिंसा को उकसाया, उसके लिए आप सभी किसान नेताओं को कसूरवार कैसे ठहरा सकते हो?’’ मुख्यमंत्री ने अपनी मांग को फिर दोहराते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा किसानों के संघर्ष को कमज़ोर करने के लिए हिंसा की आड़ में किसान नेताओं को तंग नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एफआईआर में जिन प्रमुख किसान नेताओं के नाम शामिल किए गए हैं, वे सभी नेता तो पहले ही 26 जनवरी को हिंसा की घटना के लिए अपने आप को अलग कर चुके हैं। कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि इन नेताओं में से एक भी नेता अभी तक कोई भी भड़काऊ भाषण देता हुआ या ऐसी गतिविधियों में शामिल होता सुना या देखा नहीं गया। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस के पास इन नेताओं में से किसी एक के भी हिंसा में शामिल होने का कोई सुबूत है तो उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए। कैप्टन ने केंद्र सरकार से 26 जनवरी की घटनाओं की निष्पक्ष जांच को सुनिश्चित करने की अपील की, जिससे गुनाहगारों की पहचान कर उनके खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही की जा सके। उन्होंने कहा कि किसान नेताओं को निशाना बनाना न तो न्यायपूर्ण है और न ही शोभा देता है। हिन्दुस्थान समाचार/ नरेंद्र जग्गा-hindusthansamachar.in

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