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व्यक्ति निर्माण का कार्य संघ और गायत्री परिवार का अभिनव प्रयोग: मोहन भागवत

रजनीकांत शुक्ल हरिद्वार, 05 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत अपने दो दिवसीय उत्तराखंड प्रवास के आखिरी दिन सोमवार को देवसंस्कृति विश्वविद्यालय, शांतिकुंज पहुंचे। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने तिलक लगा एवं अंगवस्त्र भेंटकर डॉ. भागवत का स्वागत किया। इसके बाद डॉ. भागवत ने प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना कर राष्ट्र की सुख एवं समृद्धि के लिए प्रार्थना की। डॉ. भागवत ने विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में आयोजित युग निर्माण योजना व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति निर्माण का कार्य संघ और गायत्री परिवार का अभिनव प्रयोग है। दोनों ही संगठन राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए समर्थ व्यक्तित्व तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल अपना भौतिक सुख ही सब कुछ नहीं है। सर्वे भवन्तु सुखिनः के भाव से किए जाने वाले कार्य से आत्मसंतुष्टि मिलती है, जो सबका लक्ष्य होना चाहिए। सरसंघचालक ने कहा कि भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा। गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि युग निर्माण दैवीय योजना है। इस योजना में सभी आयु वर्ग के लोग अपनी क्षमता के अनुसार सहयोग कर सकते हैं। यह परिवर्तन की बेला है। अनुभवी एवं संकल्पवान युवा राष्ट्र के नवनिर्माण में अपनी शक्ति लगाएं तो सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। उन्होंने इन दिनों गायत्री परिवार द्वारा विश्वभर में चलाये जा रहे गायत्री महापुरश्चरण जप एवं गायत्री मंत्र लेखन अभियान की विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर डॉ. प्रणव पण्ड्या और डॉ. भागवत ने शांतिकुंज स्वर्ण जयंती वर्ष का लोगो और संस्कृति संचार के नवीन संस्करण का विमोचन किया। हिन्दुस्थान समाचार

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