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छोटे किसानों को आत्‍मनिर्भर बनाने की पहल, उद्यानिकी खेती के लिए केंद्र सरकार कर रही मॉडल विकास खण्‍ड तैयार

भोपाल, 25 जून (हि.स.)। कम जमीन, कम रकबा, कम उपजाऊ खेत और कम कीमत पर कैसे खेती से छोटे किसान अधिकतम आय प्राप्त कर सकते हैं, इसके लिए लगातार केंद्र और राज्य सरकारें अपने प्रयास कर रही हैं। इन्हीं में से एक विचार यह पैदा हुआ कि कुछ मॉडल देश भर में ऐसे तैयार किए जाएं जिन्हें देखकर अन्य किसान भी अपने यहां इस प्रकार के प्रयोग करने के लिए प्रेरित हों। इसके लिए फिर विचार के क्रियान्वयन का शुभारंभ हुआ और पहल करते हुए केंद्र के कृषि मंत्रालय ने योजना बनाते हुए राज्यों को इस पर काम करने के लिए तैयार किया। नवाचार में धन की कमी आड़े नहीं आए, इसलिए धन की व्यवस्था केंद्र का कृषि विभाग करेगा ,साथ ही कुछ अंश राज्य का भी रहेगा। प्रदेश के 2 लाख कृषक परिवारों को मिलेगा लाभ इसी तारतम्य में मध्य प्रदेश को अपने 20 विकास खण्डों को मॉडल के रूप में तैयार करने को कहा गया है। सरकार 8 हजार 254 लाख के कार्य करने के साथ ही 14 हजार 500 उद्यानिकी कृषक परिवार सीधे और संयुक्त रूप से 2 लाख से अधिक कृषक परिवार इससे लाभान्वित होने जा रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि यह प्रयोग कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के रोडमेप का माध्यम बनेगा। दूसरी ओर केंद्र सरकार कह रही है कि ऐसे अनेक प्रयास किए जा रहे हैं जिनके माध्यम से देश के कृषि क्षेत्र को पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा। ये होंगे विकास खण्ड मॉडल इस मामले में मध्य प्रदेश के चयनित मॉडल विकासखण्डों को देखें तो मुरैना जिले का पोरसा, ग्वालियर का मुरार, शिवपुरी का करैरा, दतिया का सेवढ़ा, शाजापुर का शुजालपुर, उज्जैन का महिदपुर, झाबुआ का झाबुआ, बड़वानी का पाटी, सीहोर का नसरुल्लागंज, भोपाल का बैरसिया, जबलपुर का कुंडम, बालाघाट का परसवाड़ा, मण्डला का नारायणगंज, होशंगाबाद का होशंगाबाद, पन्ना का अजयगढ़, छतरपुर का राजनगर, दमोह का पथरिया, रीवा का रीवा, सतना का रामपुर बघेलान और उमरिया का पाली विकासखण्ड शामिल है, जिन्हें इस वर्ष इन विकासखण्डों में मुख्य रूप से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 2094 लाख, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 2 हजार 465 लाख, एमआईडीएच योजना में 3 हजार 280 लाख, राज्य योजना में 414 लाख रुपये विभिन्न विकास कार्यों के लिए दिया जाएगा। देश में 86 फीसदी किसान 5 बीघा से कम जमीन के हैं कास्तकार केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बताते हैं कि देश में 14 फीसदी किसान पांच बीघा से ऊपर के हैं और 86 फीसदी पांच बीघा से कम जमीन के कास्तकार हैं। अब पांच बीघा से कम जमीन पर खेती को लाभ का धंधा कैसे बनाया जाए, इसके लिए सरकार ने छोटे किसानों को बड़े अनुदान देने का प्रावधान किया है। इसमें किसानों को महंगी फसलों की खेती के लिए ऋण पर अनुदान का प्रावधान किया गया है। पांच बीघा से कम जमीन वालों को इसमें बहुत लाभ हो सकेगा। कोरोना काल में एक करोड़ 57 लाख किसानों को केसीसी से जोड़कर दिए गए दो लाख करोड़ के लोन उन्होंने यह भी बताया कि किसान खेती की सुरक्षा के लिए बाउंड्री वॉल से लेकर तार फेंसिंग कराएंगे तो उसके लिए उन्हें 35 फीसदी तक अनुदान की सुविधा मिलेगी। कोरोना काल में एक करोड़ 57 लाख किसानों को केसीसी से जोड़कर उन्हें दो लाख करोड़ के लोन की सुविधा दी गई है। वे कहते हैं कि बीते छह वर्षों में केसीसी पर लोन को छह करोड़ से बढ़ाकर 16 करोड़ तक किया गया है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना यह भी था कि किसान प्रशिक्षण के बाद फल, सब्जी की फसलें उगा कर अच्छी आय प्राप्त करेंगे, तो किसान की खेती घाटे का सौदा नहीं रहेगी. हॉर्टिकल्चर के प्रशिक्षण के बाद किसान फूड प्रोसेसिंग के साथ-साथ अलग-अलग प्रकार की बागवानी करेगा, जिससे रोजगार के साधन बढ़ेंगे। किसानों के हित में कृतसंकल्पित है केंद्र सरकार केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का कहना यह भी है कि म.प्र. कृषि प्रधान राज्य है, जहां के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं कृषि मंत्री कमल पटेल दोनों खेती-किसानी से जुड़े हुए हैं। दोनों ही किसानों को उनकी उपज के वाजिब दाम दिलाने तथा कृषि क्षेत्र को समृद्ध करने के लिये बहुत अच्छी तरह काम कर रहे हैं। विगत 15 वर्षों से मध्यप्रदेश में कृषि का क्षेत्र बेहतर परिणाम दे रहा है। तोमर ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि राज्य सरकार को केन्द्र सरकार की ओर से पहले भी पूरा सहयोग किया गया है और आगे भी पूरी मदद की जाती रहेगी। किसानों की भलाई के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार कृत-संकल्पित है और किसानों की मदद करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश में मॉडल विकासखण्डों की होगी महत्वपूर्ण भूमिका इसी के साथ प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण मंत्री भारत सिंह कुशवाह का कहना है कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के सपने को साकार करने में मॉडल विकासखण्डों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। प्रदेश में उद्यानिकी विभाग द्वारा 20 मॉडल विकासखण्डों को विकसित करने का कार्य शुरू हो चुका है, जिसके लिए इस वर्ष 8254 लाख रुपये के कार्यों को शामिल किया गया है। इनके माध्यम से उद्यानिकी फसलों के उत्पादन से जुड़े 2 लाख कृषक परिवार लाभान्वित होंगे। कुशवाह कहते हैं कि विभाग की योजनाओं को अधिकारियों द्वारा जमीनी स्तर पर पहुंचाने का काम तेजी से किया जा रहा है, वे किसानों को योजनाओं की जानकारी से अवगत करा रहे हैं। हमारा लक्ष्य यही है कि योजनाओं में लक्ष्यों का निर्धारण किसानों की मांग के अनुसार किया जाये। इन विकास खण्डों में स्थापित होंगे ट्रेनिंग सेंटर मंत्री भारत सिंह कुशवाह यह भी कहते हैं कि मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य होगा, जहां किसानों को खेत सुरक्षा के लिये चेन-फेंसिंग योजना को लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह योजना अंतिम चरण में है और शीघ्र लागू होगी। विभाग द्वारा चयनित सभी 20 विकासखण्डों में उन्नत और आधुनिक तकनीकी पर आधारित उद्यानिकी फसलों के उत्पादन, भण्डारण और प्र-संस्करण से संबंधित ट्रेनिंग सेंटर भी स्थापित किये जा रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.मयंक चतुर्वेदी

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