भारतीय रेलवे ने पहली बार बांग्लादेश भेजी स्पेशल पार्सल ट्रेन
भारतीय रेलवे ने पहली बार बांग्लादेश भेजी स्पेशल पार्सल ट्रेन

भारतीय रेलवे ने पहली बार बांग्लादेश भेजी स्पेशल पार्सल ट्रेन

नई दिल्ली, 12 जुलाई (हि.स.)। भारतीय रेलवे ने पहली बार देश की सीमाओं के पार सामान भेजने के लिए पार्सल ट्रेन का इस्तेमाल कर इतिहास रच दिया। रेलवे ने विशेष पार्सल ट्रेन को आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के रेड्डीपालम से सूखी मिर्च लादकर बांग्लादेश के बेनापोल के लिए रवाना किया। रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि स्पेशल पार्सल ट्रेन से प्रति टन मिर्च भेजने का खर्च 4608 रुपये है जो रोड ट्रांसपोर्ट की तुलना में काफी सस्ता है। आंध्र प्रदेश में गुंटूर और इसके आसपास के क्षेत्र राज्य में मिर्च की खेती के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां की मिर्च स्वाद और ब्रांड में विशिष्टता के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है। इससे पहले, गुंटूर क्षेत्र और आसपास के किसान और व्यापारी कम मात्रा में सूखी मिर्च सड़क मार्ग से बांग्लादेश भेजा करते थे और इसकी लागत लगभग 7000 रुपये प्रति टन आती थी। लॉकडाउन के चलते वे सड़क मार्ग से इस आवश्यक वस्तु को स्थानांतरित नहीं कर सके। तब रेलवे कर्मचारियों और अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया और रेलवे की परिवहन सुविधाओं के बारे में बताया। तदनुसार, उन्होंने मालगाड़ियों के माध्यम से रेल द्वारा सूखी मिर्च को थोक में स्थानांतरित कर दिया है। लेकिन मालगाड़ियों द्वारा खेप को स्थानांतरित करने के लिए, भारी मात्रा में मिर्च की जरूरत थी यानी प्रत्येक यात्रा में कम से कम 1500 टन मिर्च जरूरी थी। दक्षिण मध्य रेलवे की गुंटूर डिवीजन ने इस समस्या का समाधान करते हुए प्रत्येक यात्रा में अधिकतम 500 टन तक मिर्च ले जाने के लिए बांग्लादेश के लिए पार्सल ट्रेन की व्यवस्था की। इसने गुंटूर के किसानों और व्यापारियों को स्पेशल पार्सल एक्सप्रेस के माध्यम से थोड़ी मात्रा में सूखी मिर्च का परिवहन करके देश की सीमा से परे अपने कृषि उत्पादों का विपणन करने में मदद की है। इस ट्रेन को बांग्लादेश के बेनापोल के लिए रवाना किया गया। प्रत्येक पार्सल वैन को 466 सूखी मिर्च के बोरों से भरा गया था, जिसका वजन लगभग 19.9 टन था। विशेष पार्सल एक्सप्रेस द्वारा कुल 384 टन सूखी मिर्च विदेश भेजी गई। विशेष पार्सल एक्सप्रेस से प्रति टन मिर्च भेजने का खर्च 4608 रुपये है जो सड़क परिवहन की तुलना में काफी सस्ता है। उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे ने कोविड-19 अवधि के दौरान पार्सल ट्रेन यातायात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। छोटे पार्सल आकारों में आवश्यक वस्तुओं, जैसे चिकित्सा आपूर्ति, चिकित्सा उपकरण, भोजन इत्यादि का परिवहन एक बहुत ही महत्वपूर्ण वस्तु है जो व्यवसाय के साथ-साथ उपभोग के लिए आवश्यक है। इस महत्वपूर्ण आवश्यकता को भरने के लिए, भारतीय रेलवे ने रेलवे पार्सल वैन को ई-कॉमर्स संस्थाओं और राज्य सरकारों सहित अन्य ग्राहकों द्वारा त्वरित परिवहन के लिए उपलब्ध कराया है। रेलवे आवश्यक मार्गों पर निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चुनिंदा मार्गों पर समय-समय पर पार्सल स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। 22 मार्च से 11 जुलाई तक 4434 पार्सल ट्रेनें चलाई गई जिनमें से 4304 समय सारणी वाली ट्रेनें हैं। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील/सुनीत-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in