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भारत-तजाकिस्तान ने शैक्षणिक आदान प्रदान सहित कई मुद्दों पर की चर्चा

नई दिल्ली, 09 अप्रैल (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने शुक्रवार को तजाकिस्तान के राजदूत लुकमोन बोबोकलोनजोद के भारत और तजाकिस्तान के बीच शैक्षणिक संबंधों, भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, स्टडी इन इंडिया (एसआईआई), शैक्षणिक आदान प्रदान कार्यक्रम इत्यादि विषयों पर विस्तृत चर्चा की। निशंक ने कहा, "तजाकिस्तान के राष्ट्रपति की भारत की आधिकारिक यात्रा के दौरान भारत और ताजिकिस्तान के बीच 3 सितंबर 2012 को एक शैक्षणिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (ईईपी) पर हस्ता्क्षर किए गए थे जिसके तहत एक संयुक्त कार्यकारी समूह (जेडब्ल्यूजी) बनाने की बात की गई थी हालांकि फिलहाल यह बनाया नहीं जा सका है और वर्तमान में, भारत और ताजिकिस्तान के बीच शिक्षा के क्षेत्र में किसी प्रकार का सक्रिय समन्वय नहीं है।" इस अवसर पर पोखरियान ने कहा, "तजाकिस्तान इस अवसर का उपयोग भारत में अध्ययन (एसआईआई) कार्यक्रम का एक हिस्सा बनने के लिए कर सकता है। तजाकिस्तान से अनुरोध है कि वह अपने छात्रों को भारत में अध्ययन (स्टडी इन इंडिया) कार्यक्रम के माध्यम से अग्रणी भारतीय उच्चतर शिक्षण संस्थानों व विश्वविद्यालयों में अध्ययन के अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करे।" पोखरियाल ने लुकमोन बोबोकलोनजोद को स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि इसके तहत तजाकिस्तान को एक लक्षित देश के रूप में चुना गया है जिसका लक्ष्या भारतीय संस्थानों में ताजिक छात्रों के नामांकन में वृद्धि करना है। इसके अलावा डॉ निशंक ने बताया कि तजाकिस्तान सार्क के बाहर भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम (आईटीईसी) और भारतीय सांस्कृतिक अनुसंधान परिषद (आईसीसीआर) के छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के बड़े लाभार्थियों में से एक है। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील

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