चीन की 'रॉकेट फोर्स' के मुकाबले भारत की 'स्पेशल फोर्स' लद्दाख में तैनात

चीन की 'रॉकेट फोर्स' के मुकाबले भारत की 'स्पेशल फोर्स' लद्दाख में तैनात
चीन की 'रॉकेट फोर्स' के मुकाबले भारत की 'स्पेशल फोर्स' लद्दाख में तैनात

- बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाई थी स्पेशल फोर्स ने - चीन ने एलएसी की दिशा अपनी ओर बदलने के लिए लगाया 80 मीटर लम्बा साइनेज नई दिल्ली, 02 जुलाई (हि.स.)। चीन की 'रॉकेट फोर्स' को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाने वाली स्पेशल फोर्सेज को लद्दाख सीमा पर तैनात कर दिया है। पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की यथास्थिति बदलने के प्रयास में चीन ने भारतीय सीमा में आने वाले पैंगॉन्ग झील के उत्तरी तट पर लगभग 8 किमी के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर साइनेज लगा दिए हैंं। फिंगर-4 और फिंगर-5 के बीच 80 मीटर लंबा शिलालेखों के आकार का साइनेज लगाया गया है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि जैसे वास्तविक नियंत्रण रेखा फिंगर-8 पर उत्तर से दक्षिण की ओर चलती है। यानी एलएसी की भौतिक दिशा ही अपनी ओर बदलने के लिए चीन ने यह 'खेल' किया है। सीमा पर तनाव कम करने के लिए चल रहे सैन्य और कूटनीतिक प्रयासों के बीच चीन ने 'रॉकेट फोर्स' की भी भारी संख्या में एलएसी के पास तैनाती की है। चीन को पहले से ही अपनी रॉकेट फोर्स पर सबसे ज्यादा भरोसा रहा है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने यह रॉकेट फोर्स 2016 में अलग से बनाई थी क्योंकि चीन के पास दुनिया में सबसे बड़ा रॉकेट का भंडार है। इसके अलावा गलवान घाटी में जमीन से हवा में मार करने वाली एचक्यू-9 और एचक्यू-16 मिसाइलेें तैनात की हैं। एचक्यू-16 मिसाइल की रेंज 200 किमी तक है। इसका रडार फाइटर एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर, स्मार्ट बमों या ड्रोन को बड़ी आसानी से पकड़ सकता है। इसी तरह एचक्यू-16 मिसाइल में 40 किमी तक जमीन से हवा में मार करने की क्षमता है। सीमा पर चीन की ओर से सैन्य और हथियारों का जमावड़ा लगाए जाने के जवाब में भारत ने भी एलएसी के किनारे 9 टी-90 भीष्म टैंकों की तैनाती कर दी है। चीन की 'रॉकेट फोर्स' के जवाब में भारत ने लद्दाख में स्पेशल फोर्सेज की तैनाती की है। सूत्रों के मुताबिक देश के अलग-अलग स्थानों से पैरा स्पेशल फोर्स की यूनिट को लद्दाख में ले जाया गया है, जहां वे अभ्यास कर रहे हैं। स्पेशल फोर्सेज ने 2017 में पाकिस्तान के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाई थी। स्पेशल फोर्सेज की टुकड़ियों को यह भी बता दिया गया है कि चीन के साथ दुश्मनी बढ़ने पर कब हरकत में आना है। भारत में 12 से अधिक स्पेशल फोर्सेज की रेजिमेंट हैं जो अलग-अलग इलाकों में ट्रेनिंग लेती हैं। जम्मू और कश्मीर में तैनात स्पेशल फोर्सेज की टुकड़ियां लेह और उसके आस-पास के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में वैसे भी नियमित रूप से वॉरगेम्स का अभ्यास करती हैं। इसलिए उन्हें इन इलाकों की भौगोलिक स्थितियों के बारे में पूरी जानकारी है और जरूरत पड़ने पर चीनियों को करारा जवाब दे सकती हैं। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत-hindusthansamachar.in

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