वैक्सीन के जरिए दानवी और भोगी सभ्यताओं को मानवता का पाठ पढ़ा रहा भारत : इन्द्रेश कुमार
नई दिल्ली, 17 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार ने रविवार को कहा कि कोरोना संकटकाल में दानवी चीन और भोगी पश्चिम के इतर भारत ने सहयोग और सद्भाव के साथ विश्व को वैक्सीन देकर मानवता का पाठ पढ़ाया है। इन्द्रेश कुमार ने दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में ‘ओम् : ब्रह्मांड का नाद’ नामक पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक की लेखिका ज्योतिष विज्ञानी डॉ शीशम बंसल अग्रवाल हैं। कार्यक्रम में महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. नंद किशोर गर्ग, शिबली नेशनल कॉलेज में संस्कृत विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शाहीन जाफरी और सम्राट अशोक सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. भन्ते आनंद थेरो शामिल हुए। इन्द्रेश कुमार ने कहा कि कोरोना संकटकाल में विश्व में एक देश ने दुनिया को दर्द दिया और परेशान किया। वहीं दूसरे देश भोगों में लिप्त अपने यहां संकट से निपटने में ही लगे रहे। ऐसे में भारत ने दुनिया को कल्याण का मार्ग दिखाया। सेवा, सहयोग और दूसरों को देने की कला सिखाते हुए मानवता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पिछले दिन भारत में कोरोना की रोकथाम के लिए देशव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हुआ। इसे एक दिन विश्व रक्षा दिवस के रूप में मनाएगा। इन्द्रेश कुमार ने कहा कि ओम शब्द मन, बुद्धि और अहंकार के उन्माद को नियंत्रण करने वाला मंत्र है। यह एक दिन विश्व के कल्याण का मार्ग बनेगा और हम उस दिन को देखेंगे। पुस्तक की लेखिका शीशम बंसल ने कहा कि ओम एक उपकरण भी है, संकल्प भी है और ज्ञान भी है। उन्होंने शोध के लिए उपनिषदों का अध्ययन किया है। ओम धर्मनिरपेक्ष है, पूरी तरह वैज्ञानिक है। ओम एक नाद है। हिन्दुस्थान समाचार/अनूप-hindusthansamachar.in