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कृषि अनुसंधान प्रौद्योगिकियों के उपयोग से देश में महत्वपूर्ण बदलावः तोमर

नई दिल्ली/जबलपुर, 26 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि देश में कृषि क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों में कमियों को पूरा करने के लिए पूरी तत्परता के साथ काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल में देश में कृषि अनुसंधान द्वारा सृजित की गई प्रौद्योगिकियां अपनाने से कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। इसके बावजूद, मृदा, जल, जलवायु एवं जैव विविधता और अनुसंधान में बदलाव आज भी चुनौती बने हुए हैं। सरकार इस दिशा में पूरी सजगता से काम कर रही है, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर के नवनिर्मित ‘‘प्रशिक्षण-सह-कृषक आवास भवन’’ के उद्घाटन अवसर पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वर्ष 2050 तक भारत की जनसंख्या 160 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है एवं खाद्यान्न की वार्षिक जरूरत भी 400 मिलियन टन तक बढ़ने की संभावना है, जिससे कृषि क्षेत्र में न्यूनतम 4 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि की आवश्यकता होगी। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम फसल बीमा योजना, एक लाख करोड़ रुपये का कृषि अधोसंरचना फंड, 10000 नए एफपीओ, कृषि सुधार कानून जैसे एक के बाद एक कई ठोस उपाय लागू किए गए हैं। बजट में भी कृषि क्षेत्र पर ध्यान देते हुए किसानों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये की राशि बढ़ाकर 16.50 लाख करोड़ रुपये कर दी गई है। साथ ही नाबार्ड में स्थापित कृषि सिंचाई फंड दोगुना करके 10000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत में अनेक देशी एवं विदेशी खरपतवार बहुतायत में मिल रहे हैं लेकिन इनके नियंत्रण हेतु अनेक प्रकार की विधियों को अपनाया जा रहा है। वर्तमान में विभिन्न खरपतवारों से एक-तिहाई नुकसान होता हैं, उन्नत कृषि तकनीक एवं खरपतवार प्रबंधन के माध्यम से खाद्यान्न उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत तक की वृद्धि की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कृषि में उभरती चिंताओं, चुनौतियों को देखते हुए और फसल उत्पादन स्तर बढ़ाने के लिए खरपतवारों के प्रभावी नियंत्रण हेतु इस निदेशालय द्वारा लगातार अनुसंधान किया जा रहा है। साथ ही, विकसित तकनीकों को किसानों व अन्य संबंधित लोगों तक पहुंचाने के लिए वृहद् प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कृषि उत्पादन स्तर को ऊंचा करने के लिए उन्नत बीज, उर्वरक व सिंचाई प्रबंधन समन्वित कीट-रोग प्रबंधन के साथ-साथ उचित खरपतवार प्रबंधन की विशेष आवश्यकता है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के महानिदेशक डा. त्रिलोचन महापात्र ने कहा कि फसलों में परजीवी खरपतवारों का प्रबंधन भी एक चुनौती है और जलीय खरपतवारों की भी गंभीर समस्या है। इसको ध्यान में रखते हुए स्थापित किया गया अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर विश्व में एकमात्र ऐसा संस्थान जहां खरपतवार से संबंधित विभिन्न अनुसंधान किए जाते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/अजीत

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