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अगर दस साल पहले नियमों को सरल करते तो गूगल हमारे यहां बनते : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 20 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में कहा कि युवाओं के प्रोत्साहन के लिए ओएसपी में रिफार्म किए गए हैं। अगर यह रिफार्म पहले किए जाते तो हमारे देश में गूगल तैयार होता। इनमें हमारे टैलेंट तो हैं लेकिन यह हमारे नहीं हैं। उन्होंने कृषि क्षेत्र पर जोर देते हुए कहा कि देश में 65-70 हजार करोड़ का खाद्य तेल बाहर से आयात करते हैं। यह सब हम देश में भी उत्पादन कर सकते हैं। केन्द्र सरकार ने दालों में प्रयोग किया, तो बाहर से लाने में खर्चा कम हुआ है। हमारे देश के किसान कई ऐसी चीजें पैदा कर सकते हैं जिससे बाहर से लाने की निर्भरता कम हो सके। इसके लिए जरूरी है सभी राज्य एग्रो क्लाइमेट प्लानिंग बनाए। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन में कृषि निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। कृषि क्षेत्र में बर्बादी कम हो, स्टोरेज पर ध्यान देने की जरूरत है। भारत साउथ ईस्ट एशिया में मछली का निर्यात कर सकता है। हमारे किसानों को जरूरी संसाधन मिले इसके लिए बदलाव जरूरी है। हाल ही में कई रिफार्म किए गए हैं जो आवश्यक थे। सरकार के तहत हजारों स्कीमों में गैरजरूरी कम्पलायंस(नियम) हैं जो खत्म किए जा सकते हैं। विश्व में अवसर प्राप्त हुआ है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का महत्व है हमारे कानून में सुधार करना है। देश के नागरिकों के लिए ईज ऑफ लिविंग भी मुहैया कराना है। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे योजनाओं में नियमों का बोझ कम करें। यह ईज ऑफ लिविंग के लिए जरूरी है। हिन्दुस्थान समाचार/ विजयालक्ष्मी

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