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जरूरत पड़ी तो अक्टूबर के बाद भी जारी रहेगा आंदोलन : राकेश टिकैत

गाजियाबाद, 10 फरवरी (हि.स.)। किसान आंदोलन के 76वें दिन बुधवार को सुबह सबसे पहले गाजीपुर बार्डर पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपने हाथों से आंदोलन स्थल पर सफाई की, उसके बाद वह मंच पर पहुंचे। मंच से अपने संबोधन में राकेश टिकैत ने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसान क्रांति पार्क बनाया जाएगा। इसकी शुरूआत हम कांटों के जवाब फूल लगाकर कर चुके हैं। इस पार्क में किसानी झंडा लगाया जाएगा। जल्द ही किसान क्रांति पार्क को मूर्त रूप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार आंदोलन को लंबा करना चाहती है। किसानों ने भी उसी तरह से रणनीति तैयार कर ली है। बॉर्डर पर रणनीति के तहत आंदोलन चलाया जाएगा। जो किसान आंदोलन स्थल पर सोमवार को पहुंचेगा वह सोमवार को ही घर वापस जाएगा। इस प्रकार आंदोलनकारी आंदोलन पर भी नजर रख सकेंगे और अपने खेत पर भी। ऐसी स्थिति में जरूरत पड़ी तो आंदोलन अक्टूबर से आगे भी चलाया जा सकेगा। टिकैत ने कहा कि गर्मी का मौसम आ रहा है। अब हमें यहां बड़े जनरेटर लगाने पड़ेंगे और यदि सरकार नहीं चाहती कि यहां जनरेटर चलें तो वह हमें बॉर्डर के नाम से बिजली कनेक्शन दें, किसान बिजली का बिल भी देंगे। उन्होंने किसानों से यह भी कहा कि प्रत्येक व्यक्ति सप्ताह भर की रणनीति से आंदोलन में शामिल हो। किसान कार से नहीं ट्रैक्टर से आंदोलन में शरीक होने पहुंचे। उन्होंने सरकार को चेताया कि यह आंदोलन अक्टूबर के बाद भी चल सकता है, सरकार भूल में है कि हम गर्मी में चले जाएंगे। इसी बीच टिकैत ने पंजाबी गायब बब्बू मान से देशभकक्ति के गीत सुनाने की भी गुजारिश की। गाजीपुर बॉर्डर पर स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोग भी समर्थन में उतर आए हैं। इस कड़ी में बॉर्डर पर मीठे चावल और बिरयानी भी दी जा रही है। गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे मंच के सामने भीड़ थोड़ी कम हुई है। किसान उसका कारण तेज धूप को बता रहे हैं। किसानों का कहना है कि आंदोलन स्थल पर लोग कम नहीं हुए हैं, बस के सामने कम बैठ रहे हैं। दरअसल धूप तेज होने के कारण अधिकतर किसान अपने टेंट में ही रह रहे हैं। बब्बू मान पहुंचे गाजीपुर बार्डर दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को ढाई माह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं। किसानों का कहना है कि तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी से पहले वे दिल्ली की सीमाओं से हटने वाले नहीं हैं। बुधवार को गाजीपुर बार्डर पर पंजाबी गायब बब्बू मान पहुंचे। उन्होंने मंच से कहा कि इस किसान आंदोलन ने पूरे देश को एक माला में पिरो दिया है। इसके साथ ही बब्बू मान ने बॉलीवुड के कलाकारों द्वारा किए गए ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि सरकार से इन कानूनों पर बहस के लिए किसान नेता तैयार हैं जो बॉलीवुड कलाकर इस आंदोलन के विरोध में बोल रहे हैं, उनसे मैं खुली बहस को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले मैं किसान हूं, उसके बाद और कुछ। हिन्दुस्थान समाचार/फरमान अली-hindusthansamachar.in

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