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केंद्र ने व्यास का पानी रोका तो दिल्ली में घटेगी 25 प्रतिशत आपूर्ति: राघव चड्ढा

अश्वनी शर्मा नई दिल्ली, 25 फरवरी (हि.स.)। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) अपने जलापूर्ति सेंटर की देखरेख के लिए एक महीने तक दिल्ली को व्यास नदी से मिलने वाला पानी रोकेगा जिससे दिल्ली में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। दिल्ली सरकार ने बीबीएमबी को दिल्ली में जलापूर्ति कम न करने के लिए पत्र लिखा है। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने दिल्ली सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में गुरुवार को प्रेस वार्ता कर बताया कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की एजेंसी भांखड़ा नांगल मैनेजमेंट बोर्ड रिपेयर मेंटेनेंस के बहाने 25 मार्च से 24 अप्रैल तक व्यास हाइडल चैनल बंद करने जा रही है। चड्ढा ने कहा कि इस संबंध में केंद्र और हरियाणा सरकार के साथ बोर्ड को चिट्ठी लिख कर मेंटेनेंस का कार्य स्थगित करने, दिल्ली में जलापूर्ति कम न करने और इस मुद्दे पर सभी हितधारकों के साथ बैठक बुलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली को जल संकट से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और जरूरत पड़ने पर हम सभी दरवाजे को खटखटाएंगे, ताकि दिल्ली वालों को न्याय मिल सके। चार स्रोतों पर निर्भर है दिल्ली राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली एक ऐसा राज्य है, जिसके चारों तरफ राज्य हैं और जमीन से घिरा हुआ है। हमारी अपनी कोई वाटर बॉडी नहीं है, जिसके चलते दिल्ली वालों को अपनी जलापूर्ति के लिए चार स्रोतों पर निर्भर होना पड़ता है। इन चार स्रोतों से जो पानी आता है, उसी पानी को हम दिल्ली के घर-घर तक पहुंचाते हैं। इन चार स्रोतों में पहला- यमुना नदी का पानी है, जो मुख्य तौर पर हरियाणा से होकर आता है। दूसरा, गंगा नदी का पानी है, जो मुख्य तौर पर उत्तर प्रदेश से होकर आता है। तीसरा, रावी-व्यास नदी का पानी है, जो नांगल से होकर आता है और चौथा, भूमिगत पानी है, जिसे हम रिचार्ज करके दिल्ली के घर-घर तक आपूर्ति करते हैं। गर्मी के समय ज्यादा जरूरत होती है पानी की प्रेस वार्ता में चड्ढा ने कहा कि जब गर्मी का समय आता है, तब दिल्ली में पानी की खपत बढ़ जाती है। उसी के चलते हम लोग इस मौजूदा स्रोतों को और कैसे बढ़ाया जाए और इनसे ज्यादा से ज्यादा पानी कैसे लिया जाए, इसे लेकर जद्दोजहद करते हैं। नांगल नदी से होकर आने वाला व्यास नदी का पानी दिल्ली की कुल खपत का करीब 25 प्रतिशत हिस्सा होता है। गलत समय पर हो रहा मेंटेनेंस का कार्य चड्ढा ने कहा कि केंद्र सरकार कोई रिपेयर मेंटेनेंस का कार्य ऐसे समय में करने जा रही है जब सबसे ज्यादा पानी की जरूरत होती है। केंद्र सरकार नांगल हाइडल चैनल को बंद करने जा रही है। इससे दिल्ली को मिलने वाला 25 प्रतिशत पानी पूरी तरह से बाधित और प्रभावित हो जाएगा। यानि अगर केंद्र सरकार इस नांगल हायडल चैनल को बंद कर देती है तो दिल्ली में 25 प्रतिशत पानी की आपूर्ति कम हो जाएगी। पत्र लिखकर बताया राघव चड्ढा ने बताया कि 12 फरवरी, 2021 को हरियाणा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिल्ली सरकार को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 25 मार्च 2021 से 24 अप्रैल 2021 यानि पूरे एक महीने तक यह नांगल हाइडल चैनल बंद रहेगा। तब तक गर्मी आ चुकी होती है। इसे बंद कर देने के बाद दिल्ली में 232 मिलियन गैलन पानी प्रतिदिन (एमजीडी) की सप्लाई कम हो जाएगी। इस तरह दिल्ली के कुल पानी की आपूर्ति का 25 प्रतिशत पानी कम हो जाएगा। कानूनी दस्तावेजों में दिल्ली वालों का अधिकार लिखा आगे राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली वालों को व्यास नदी का पानी देने के संबंध में एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग 1981 का है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट का 10 मई 2020 का एक आदेश भी है। इन दोनों कानूनी दस्तावेजों में लिखा गया है कि दिल्ली को यह 232 एमजीडी पानी मिलना चाहिए। चड्ढा ने कहा कि इस 232 एमजीडी पानी को केंद्र सरकार की शाखा बीवीएमबी रिपेयर मेंटेनेंस के नाम पर रोकने जा रही है। राघव चड्ढा ने बताया कि व्यास नदी का दिल्ली में कुल 496 क्यूसेक पानी मुनक कैनाल के जरिए आता है। यह 496 क्यूसेक पानी दिल्ली पहुंचते-पहुंचते ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन हानि के चलते घटकर 432 क्यूसेक रह जाता है। इस 432 क्यूसेक पानी को हम ट्रीट करके दिल्ली के घर-घर तक पहुंचाते हैं। इसे हम 432 क्यूसेक कहें या 232 एमजीडी कहें, बात एक ही है। हिन्दुस्थान समाचार

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