हिप्र : पालमपुर और जालंधर से आई रिपोर्ट में प्रवासी पक्षियों में फ्लू की पुष्टि
- बर्ड फ्लू की पुष्टि के लिए भोपाल की रिपोर्ट का इंतजार धर्मशाला, 04 जनवरी (हि.स.) । पौंग झील में विदेशी पक्षियों के मरने के बाद पालमपुर और जालंधर से रिपोर्ट आ गई, इसमें फ्लू की पुष्टि हुई है। हालांकि भोपाल से आने वाली रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगा कि यह बर्ड फ्लू का कौन सा प्रकार है। उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उपायुक्त ने पौंग झील के चार उपमंडलों देहरा, फतेहपुर, इंदौरा और ज्वाली में पॉल्ट्री फार्म में विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी है। चार उपमंडल इंदौरा, फतेहपुर, जवाली व देहरा में मुर्गा व अंडे की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। संबंधित दुकानें आज से आगामी आदेश तक बंद रहेंगी। ये चारों उपमंडल पौंग बांध से सटे हुए हैं। ऐसे में प्रशासन ने यहां अलर्ट जारी किया है। उपायुक्त ने बताया कि भोपाल की रिपोर्ट के बाद ही फ्लू किस्म के बारे में पता चल पाएगा। अब तक पौंग झील में 1700 से ज्यादा पक्षी मर चुके हैं। जालंधर और पालमपुर से आई रिपोर्ट के मुताबिक बर्ड फ्लू ईवीएन होने की संभावना ज्यादा जताई जा रही है। उन्होंने बताया कि पौंग बांध का एक किलोमीटर क्षेत्र रेड जोन बनाया गया है। इसके अलावा नौ किलोमीटर तक क्षेत्र सर्विलांस जोन बनाया गया है। पौंग बांध क्षेत्र में आवाजाही पर प्रशासन ने तीन दिन पहले ही रोक लगा दी थी। पहले प्रशासन स्थानीय लोगों पर शिकार का शक जता रहा था, लेकिन परिंदों की मौत का आंकड़ा बढ़ने पर अधिकारी हरकत में आते हुए पर्यटन की गतिविधियों पर तुरंत रोक लगा दी थी। उन्होंने पशुपालकों से भी आह्वान किया है कि वे मवेशियों के साथ इस क्षेत्र में न जाएं। कोरोना काल के बीच फ्लू की दस्तक से शुरुआती दौर में ही संभलना होगा। इसलिए सभी लोगों को एहतियात बरतनी होगी। दोनों महामारियों के आने की स्थिति में जिला प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। उपायुक्त ने कहा बर्ड फ्लू के लक्षण भी कोरोना वायरस की ही तरह होते हैं। ऐसे में यह जांच कर पाना भी मुश्किल हो जाएगा। यह किस बीमारी का लक्षण है। उधर इससे पूर्व उपायुक्त ने वन्य प्राणी विंग और अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर आगामी रणनीति तैयार की। हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील/रामानुज-hindusthansamachar.in