High court transfers defamation case of Vivek Doval to Patiala House Court
High court transfers defamation case of Vivek Doval to Patiala House Court

हाई कोर्ट ने विवेक डोभाल का मानहानि केस पटियाला हाउस कोर्ट में ट्रांसफर किया

नई दिल्ली, 15 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल की ओर से कारवां मैगजीन के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले की सुनवाई अब पटियाला हाउस कोर्ट में होगी। दिल्ली हाईकोर्ट की जज जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने शुक्रवार को इस आशय का आदेश जारी किया। पहले इस मामले की सुनवाई राऊज एवेन्यू की सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई करने वाली कोर्ट में चल रही थी। दरअसल 19 दिसंबर 2020 को इस मामले के एक आरोपी और जयराम रमेश ने विवेक डोभाल से माफ़ी मांग ली थी जिसके बाद कोर्ट ने जयराम रमेश के खिलाफ केस बंद कर दिया। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में कारवां मैगजीन और लेखक कौशल श्राफ के खिलाफ सुनवाई जारी रखने का आदेश दिया था। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कहा था कि उसके पास सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई करने का ही क्षेत्राधिकार है और अब इस मामले में कोई सांसद या विधायक नहीं है। इसलिए इस मामले को उचित क्षेत्राधिकार वाली कोर्ट के सामने लिस्ट किया जाए। विवेक डोभाल की याचिका पर कोर्ट ने 22 जनवरी 2019 को संज्ञान लिया था। विवेक डोभाल ने अपने वकील डीपी सिंह के जरिए कोर्ट से कहा था कि कारवां मैगजीन ने अपने लेख में डी कंपनी का जिक्र किया है जिसका मतलब दाऊद इब्राहिम गैंग होता है। डीपी सिंह ने कहा था कि लेखक कौशल श्राफ ने छापने के पहले कोई पड़ताल नहीं की। इस लेख के जरिए हमारे परिवार को टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि अगर परिवार को बदनाम करने की कोशिश नहीं की गई है तो आलेख में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के चित्र छापे गए हैं और डी कंपनी कहा गया है। डीपी सिंह ने कहा था कि लेख में जयराम रमेश के प्रेस कांफ्रेंस का जिक्र है। जिसके बाद ट्विटर पर काफी चर्चा हुई। ये पूरे तरीके से बदनाम करने की कोशिश की गई। याचिका में कहा गया है कि विवेक डोभाल और अमित शर्मा कैमरन आइलैंड नामक हेज फंड के डायरेक्टर हैं। याचिका में कहा गया है कि जयराम रमेश और कारवां मैगजीन ने उनके खिलाफ झूठे बयान दिए और छापे हैं। ये बयान उनके पिता अजीत डोभाल की छवि को धूमिल करने के लिए दिए गए। याचिका में कहा गया है कि जयराम रमेश ने अपने बयानों के जरिए उनकी और उनकी हेज फंड कंपनी के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के आरोप लगाए हैं। याचिका में कहा गया है कि इन बयानों से उनकी वर्षों के मेहनत से अर्जित प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। याचिका में कहा गया है कि कारवां मैगजीन ने अपने आलेख में उनकी कंपनी को डी कंपनी कहकर संबोधित किया है और उनकी और उनकी कंपनी को बदनाम करने की कोशिश की है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in