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नर्सो के लिए वोटिंग अधिकार की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने दिल्ली नर्सिग काउंसिल व केंद्र सरकार को भेजा नोटिस

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को पदाधिकारियों और कार्यकारी समिति के चुनाव के लिए नसिर्ंग निकाय के साथ पंजीकृत नर्सों को मतदान के अधिकार की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली नसिर्ंग काउंसिल (डीएनसी) और स्वास्थ्य मंत्रालय से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ ने अधिवक्ता रॉबिन राजू और जोएल जोसेफ के माध्यम से इंडियन प्रोफेशनल नसिर्ंग एसोसिएशन (आईपीएनए) द्वारा दायर याचिका पर प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है। याचिकाकर्ताओं ने प्रस्तुत किया कि डीएनसी के साथ पंजीकृत लगभग 90,000 नर्सो को उनके कल्याण के लिए काम करने के लिए गठित निकाय के प्रतिनिधियों को चुनने का कोई अधिकार नहीं है। याचिका में कहा गया है कि उन्हें मतदान के अधिकार से वंचित करना और कुछ नहीं बल्कि इस तथ्य की अवहेलना है कि डॉक्टरों, अधिवक्ताओं और चार्टर्ड एकाउंटेंट जैसे अन्य पेशेवरों को उनकी संबंधित परिषदों की चुनाव प्रक्रिया में मतदान का अधिकार है। इसमें आगे कहा गया है दिल्ली में पंजीकृत डॉक्टरों ने दिल्ली मेडिकल काउंसिल के सदस्यों को चुनने के लिए वोट किया। आईपीएनए ने अपनी याचिका के माध्यम से नसिर्ंग निकाय को वार्षिक आय और उसके व्यय को प्रकाशित करने के लिए निर्देश देने की भी मांग की, जिसमें कहा गया है कि परिषद ने इस संबंध में ऑडिटेड सारांश को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने की जहमत नहीं उठाई है। याचिका में कहा गया है कि नसिर्ंग अधिकारियों की परिषद से कई चिंताएं जुड़ी हुई हैं। परिषद के भवन में आगंतुकों के लिए शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से लेकर अपने कार्यालय को मौजूदा परिसर से अलग भवन में स्थानांतरित करने की सख्त जरूरत है, जिसमें जगह की कमी है। इसमें आगे कहा गया कि तत्काल याचिका इन मुद्दों पर विस्तार से बताने का इरादा नहीं रखती है। दिल्ली नसिर्ंग काउंसिल- दिल्ली नसिर्ंग काउंसिल अधिनियम, 1997 द्वारा गठित एक वैधानिक निकाय की देखरेख स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा की जाती है। --आईएएनएस एसकेके/आरजेएस

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