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कैदियों की वकील से मुलाकात मामले में दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस

नई दिल्ली, 26 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने जेल के कैदियों को सप्ताह में वकील के साथ केवल दो मीटिंग करने के दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 4 अप्रैल को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया। याचिका जय ए देहाद्रि ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील हर्षित गोयल ने दिल्ली प्रिजन रूल्स के नियम 585 को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि ये प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत कैदियों को न्याय तक पहुंच के अधिकार का उल्लंघन करता है। याचिका में कहा गया है कि तिहाड़ सेंट्रल जेल के कैदियों की प्रोफाइल में ही कहा गया है कि जेल के कुल कैदियों में 82.02 प्रतिशत विचाराधीन कैदी हैं। ऐसे में वकीलों के साथ मीटिंग करने और आगे के कदम उठाने के लिए लगातार कानूनी समर्थन की जरूरत होती है। याचिका में कहा गया है कि किसी भी कैदी का बुनियादी अधिकार है कि उसका उचित कानूनी प्रतिनिधित्व हो। याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली प्रिजन रूल्स में संशोधन कर सोमवार से शुक्रवार तक कानूनी सलाह के लिए अपने वकील से मिलने के असीमित समय का प्रावधान लागू करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए। याचिका में कहा गया है कि अमेरिका जैसे दूसरे विकसित देशों में कैदियों को अपने वकीलों से मीटिंग करने की संख्या पर कोई रोक नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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