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दिल्ली दंगे पर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट को निरस्त करने की मांग पर हाईकोर्ट का नोटिस

-केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस और दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग को 26 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश नई दिल्ली. 23 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगे को लेकर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की ओर से बनाई गई रिपोर्ट को निरस्त करने की मांग पर नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस और दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग को 26 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका धर्मेश शर्मा ने दायर किया है। याचिकाकर्ता खुद दंगा पीड़ित हैं। याचिकाकर्ता की ओर से वकील महेश जेठमलानी ने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग समेत दूसरे संगठनों की ओर से दिल्ली दंगा पर बनाई गई रिपोर्ट को चुनौती दी है। याचिका में ह्यूमन राईट्स वाच, सिटिजंस एंड लॉयर्स इनिशिएटिव, एमनेस्टी इंटरनेशन इंडिया, कास्टीट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप की रिपोर्ट को निरस्त करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि इन संगठनों को ऐसी रिपोर्ट बनाने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। इन संगठनों ने दिल्ली दंगों का मामला कोर्ट में लंबित होने के बावजूद ये रिपोर्ट बनाई। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आम लोग समझते हैं कि अल्पसंख्य आयोग एक न्यायिक निकाय है। इसलिए इसकी पड़ताल करने की जरुरत है। दरअसल दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि ये हिंसा एकतरफा और सुनियोजित थी। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि दंगों में समुदाय विशेष को टारगेट किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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