Hearing on validity of anti-conversion law on 25 January
Hearing on validity of anti-conversion law on 25 January

धर्मांतरण विरोधी कानून की वैधता पर सुनवाई 25 जनवरी को

- सुप्रीम कोर्ट में सभी याचिकाओं को स्थानान्तरित करने की दाखिल है अर्जी प्रयागराज, 18 जनवरी (हि.स.)। पहचान बदलकर लव जेहाद के जरिये धर्मान्तरण को प्रतिबंधित करने के प्रदेश में बने कानून की वैधता की चुनौती याचिकाओं की सुनवाई 25 जनवरी को होगी। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति एस एस शमशेरी की खंडपीठ ने सोमवार को दिया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले की सुनवाई कर रही है। सभी याचिकाओं को स्थानान्तरित कर एक साथ सुने जाने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गयी है। इसलिए अर्जी तय होने तक सुनवाई स्थगित की जाय। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी की है। अंतरिम आदेश जारी नहीं किया है। सुनवाई पर रोक नहीं है। कोर्ट को बताया गया कि अर्जी की सुप्रीम कोर्ट में शीघ्र सुनवाई होगी। जिस पर याचिका को सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने 25 जनवरी को पेश करने का निर्देश दिया है। इससे पहले राज्य सरकार की तरफ से याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया जा चुका है और बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कानून के क्रियान्वयन पर अंतरिम आदेश जारी नहीं किया है। याचिकाओं में धर्मांतरण विरोधी कानून को संविधान के खिलाफ और गैर जरूरी बताते हुए चुनौती दी गई है। याची का कहना है कि यह कानून व्यक्ति के अपनी पसंद व शर्तों पर किसी भी व्यक्ति के साथ रहने व धर्म-पंथ अपनाने के मूल अधिकारों का उल्लंघन करता है। इसे रद्द किया जाय, क्यांकि इस कानून का दुरूपयोग किया जा सकता है। राज्य सरकार का कहना है कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन से कानून व्यवस्था व सामाजिक स्थिति खराब न हो इसके लिए कानून लाया गया है। जो पूरी तरह से संविधान सम्मत है। इससे किसी के मूल अधिकारों का हनन नहीं होता। वरन नागरिक अधिकारों को संरक्षण प्रदान किया गया है। इससे छल-छद्म के जरिये धर्मान्तरण पर रोक लगाने की व्यवस्था की गयी है। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक/सुनीत-hindusthansamachar.in

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