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गुजरात : हर साल की तरह प्रकृति ने कोबा के महावीर स्वामी का किया सूर्य तिलक

गांधीनगर/ अहमदाबाद, 22 मई (हि.स.)। इस साल भी आज के दिन प्रकृति ने गांधीनगर के कोबा स्थित विश्व प्रसिद्ध जिनालय में भगवान महावीर स्वामी का सूर्य तिलक किया। हालांकि इस साल भी कोरोना संकट के चलते लोग इस दृश्य को देखने नहीं पहुंच सके लेकिन विभिन्न सोशल मीडिया के प्लेटफार्मों के जरिए लाखों लोगों ने वार्षिक दृश्य का दर्शन कर पुण्य कमाया। गांधीनगर के इस जैन मंदिर में आचार्य देव कैलाससागरसूरीश्वरजी महाराज के कालधर्म दिवस की स्मृति में हर साल 22 मई को दोपहर 2.07 बजे कोबा स्थित महावीरालय जिनप्रसाद के शिखर से सूर्यकिरण तीर्थ के मूलनायक महावीर स्वामी भगवान का मस्तक प्रकाशित होता है। कोरोना संकट के चलते लोग दर्शन करने नहीं पहुंच सकते लेकिन लाखों लोगों ने यूट्यूब चैनल के माध्यम से इस घटना का लाइव प्रसारण देखा। उल्लेखनीय है कि आज गुरु स्मृति के दिन 22 मई को ही दोपहर 2.07 बजे आचार्य कैलाससागरसूरीश्वरजी का अंतिम संस्कार इस स्थान पर किया गया था। उसके बाद राष्ट्रसंत जैनाचार्य पद्मसागरसूरीश्वरजी ने अपने गुरु महाराज कैलाससागरसूरीश्वरजी की चिरस्थायी स्मृति में यह मंदिर बनवाया था। उस दिन ने कोबा जैन तीर्थ में हर साल उसी तारीख और समय पर घटना होती है। आज इस मौके पर राष्ट्रसंत जैनाचार्य पद्मसागरसूरीश्वरजी सहित अन्य साधु साध्वीजी उपस्थित थे। इस घटना के पीछे कहा जाता है कि यह कोई चमत्कार नहीं है बल्कि मूर्तिकला, गणित और ज्योतिष के संयोग से होने वाली घटना है। जैनाचार्य पद्मसागरसूरीश्वरजी से प्रेरणा से गणितज्ञ अरविंद सागरजी महाराज और अजय सागरजी महाराज ने मूर्तिकला-गणित और ज्योतिष के मेल से इसका निर्माण ही इसी तरह किया है। जैनाचार्य कैलाससागरसूरीश्वरजी महाराज की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के उद्देश्य से यह दिन और समय चुना गया है। अभी तक ऐसा कोई अवसर नहीं आया है, जब बादल या कोई प्राकृतिक आपदा के चलते सूर्य ने तिलक किया गया हो। हिन्दुस्थान समाचार/हर्ष शाह

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