सरकार निवेश अनुकूल वातावरण निर्माण के लिए सतत प्रयत्नशील: शाहनवाज हुसैन
गोविन्द चौधरी -इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2021 का शुभारंभ पटना, 19 मार्च (हि.स.)। इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2021 का शुक्रवार को शुभारम्भ करते हुए बिहार सरकार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि सरकार निवेश अनुकूल वातावरण निर्माण के लिए सतत प्रयत्नशील है। राज्य में निवेश को सुगम बनाने, रोजगार उत्पन्न करने एवं जन कल्याण के लिए हम काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ओद्योगिक क्रांति करेंगे और सबसे ज्यादा इथेनॉल बनाने का लक्ष्य निर्धारित करेंगे, जिससे किसानों की मेहनत का पारिश्रमिक उन्हें मिले। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2021 को उद्योग विशेषज्ञों, उद्योग संघों, निवेशकों और वित्त विशेषज्ञों से गहन विचार-विमर्श के उपरांत तैयार किया गया है। इस नीति को राज्य में संभावित निवेशकों के लिए इथेनॉल उत्पादन को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए प्रस्तावित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस नीति का उद्देश्य इथेनॉल उत्पादक उद्योगों के विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार के मिशन की विस्तृत रूपरेखा को परिभाषित करना है। उद्योग मंत्री ने कहा कि स्थाई और वैकल्पिक ईंधन को प्रोत्साहित करने के अलावा जीवाश्म ईंधन तेल के आयात पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने कई पहल की है। यह नीति इथेनॉल उत्पादन में अवसरों का लाभ उठाने के लिए पेश की गई है जो किसानों, उद्यमियों एवं इथेनॉल इकाइयों में नियोजित होने वाले कामगारों के लिए स्थायी आमदनी का स्रोत प्रदान करेगी। नीति का उद्देश्य शत-प्रतिशत इथेनॉल का उत्पादन करना मंत्री शाहनवाज ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य राज्य में शत-प्रतिशत इथेनॉल का उत्पादन करने वाली नई स्टैंडअलोन इकाइयों और अन्य सभी हितधारकों को उनके पारिश्रमिक का लाभ मिले। इसके तहत राष्ट्रीय बायो-फ्यूल नीति-2018 एवं राष्ट्रीय बायो-फ्यूल समन्वय समिति से स्वीकृत सभी कच्चे माल से इथेनॉल के उत्पादन की अनुमति देना, मनई स्टैंडअलोन इथेनॉल उत्पादन करने वाले निवेशकों को वित्तीय प्रोत्साहन देते हुए अनुकूल वातावरण तैयार करना, इथेनॉल उत्पादन के लिए फीड-स्टॉक/कच्चे माल का उत्पादन करने वाले किसानों की आय बढ़ाना और इथेनॉल उद्योग को प्रोत्साहित कर स्थानीय रोजगार के अवसर सृजित करना है। उद्योग विभाग क्या करेगा मदद 1. बियाडा और उद्योग विभाग अपने पास उपलब्ध 4,200 एकड़ जमीन निवेशकों के लिए आवंटित करेगा। एक प्लांट लगाने में करीब 50 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। 2. एक निवेशक को निवेश पर 15 प्रतिशत सरकारी सब्सिडी मिलेगी, जो कि अधिकतम पांच करोड़ रुपये तक की होगी। एससी/एसटी, अति पिछड़ा वर्ग, महिलाओं और एसिड अटैक सर्वाइवर निवेशकों को 15.75 प्रतिशत (अधिकतम 5.25 करोड़ रुपये तक) की सब्सिडी दी जाएगी। 3. बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) से जमीन के लिए आवेदन किया जा सकेगा। निवेशक पहले चरण की मंजूरी के लिए 30 जून, 2021 तक और वित्तीय मंजूरी के लिए 30 जून, 2022 तक आवेदन कर सकते हैं। निवेशकों को सब्सिडी मिलेगी। 4. औद्योगिक नीति के तहत स्टांप ड्यूटी, पंजीकरण और म्यूटेशन शुल्क, बिजली शुल्क प्रतिपूर्ति और रोजगार और कौशल विकास सब्सिडी भी दी जाएगी। 5. आवेदन और भूमि आवंटन का 7-7 कार्यदिवस में निपटारा, 30 जून 2022 तक कर सकते हैं आवेदन प्रोत्साहन नीति की शर्तें उद्योग विभाग की तरफ से इसके लिए कई शर्तें भी रखी गई हैं, जिनमें शामिल है कि पहले से जारी इथेनॉल प्रोजेक्ट को इस नीति का फायदा नहीं मिलेगा। उद्योग विभाग उन्हीं प्रोजेक्ट का अनुदान स्वीकृत करेगा, जो केवल इथेनॉल का उत्पादन करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार