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गैलेंट्री अवार्ड्स वेब पोर्टल लॉन्च​​, मिलेगी शहीदों की जानकारी

- प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के बारे में मिल सकेगी जानकारी - अब तक 4,296 वीरता पुरस्कार दिए गए जिनमें 21 परमवीर चक्र सुनीत निगम नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को गैलेंट्री अवार्ड्स वेब पोर्टल लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल राष्ट्र के युवाओं में 'देशभक्ति' पैदा करेगा। भारत के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के बारे में इस पोर्टल से 24 घंटे जानकारी मिल सकेगी। भारत के 72वें गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीरता पुरस्कारों के लिए संशोधित ऑनलाइन पोर्टल https://gallantryawards.gov.in लॉन्च किया। इस आयोजन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस पर देशभर के विभिन्न सैनिक स्कूलों में सांस्कृतिक प्रदर्शन करने वाले देश के युवा आगे चलकर राष्ट्र का भविष्य बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सिंह ने कहा कि मैं वीरता पुरस्कार पोर्टल के नए संस्करण को लॉन्च करते हुए बेहद खुश हूं। यह पोर्टल राष्ट्र की ओर से लेकर बहादुरों और उनके परिवारों के लिए एक श्रद्धांजलि है। रक्षा मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि किस तरह देश ने आजादी के बाद से कई चुनौतियों का सामना किया है, जिसमें पड़ोसी देशों के साथ लड़े गए विभिन्न युद्ध भी शामिल हैं। इन सभी युद्धों, छद्म युद्ध या आतंकवाद विरोधी अभियान में हमारे सैनिकों ने कई तरह की चुनौतियों का सामना किया और देश की संप्रभुता की रक्षा की है। उन्होंने केंद्र सरकार के वन रैंक वन पेंशन और राष्ट्रीय रक्षा स्मारक सहित कई रक्षा संबंधी उपलब्धियों का भी उल्लेख किया है। सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अप्रैल, 2017 में गृह मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए ‘भारत के वीर’ पोर्टल के बारे में भी बताया। नए वीरता पुरस्कार पोर्टल के बारे में रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के बारे में इस पोर्टल से 24 घंटे जानकारी मिल सकेगी। यह पोर्टल राष्ट्र के युवाओं में देशभक्ति पैदा करेगा। उन्होंने पोर्टल के साथ-साथ ई-पत्रिका 'शौर्यवान' को भी लांच किया। साथ ही महीनेभर चलने वाली 'भारत के लिए वीरता पुरस्कार' प्रतियोगिता की भी शुरुआत की। इस पोर्टल के अनुसार अब तक 4,296 वीरता पुरस्कार दिए जा चुके हैं। अब तक 21 परमवीर चक्र दिए गए हैं जिनमें 20 भारतीय सेना से और एक भारतीय वायु सेना से है। यह भारत का सर्वोच्च शौर्य सैन्य अलंकरण है जो दुश्मनों से उच्चकोटि की शूरवीरता दिखाने एवं त्याग के लिए प्रदान किया जाता है। अब तक ज्यादातर परमवीर चक्रमरणोपरांत दिया गया है। इस पुरस्कार की स्थापना 26 जनवरी 1950 को की गयी थी जब भारत गणराज्य घोषित हुआ था। भारतीय सेना के किसी भी अंग के अधिकारी या कर्मचारी इस पुरस्कार के पात्र होते हैं एवं इसे देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न के बाद सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार समझा जाता है। इससे पहले जब भारतीय सेना ब्रिटिश सेना के तहत कार्य करती थी तो सेना का सर्वोच्च सम्मान विक्टोरिया क्रास हुआ करता था। परमवीर चक्र हासिल करने वाले शूरवीरों में सूबेदार मेजर बन्ना सिंह (बाना सिंह) ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जो कारगिल युद्ध तक जीवित थे। सूबेदार मेजर बाना सिंह जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री की आठवीं रेजीमेंट में कार्यरत थे। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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