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पाकिस्तानी अखबारों सेः भारत-पाकिस्तान संबंधों में बेहतरी लाने के यूएई के प्रयासों का किया स्वागत

- इस्लामाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कुलभूषण पर भारत की गलतफहमी दूरने करने को कहा नई दिल्ली, 16 अप्रैल (हि.स.)। पाकिस्तान से शुक्रवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने फ्रांसीसी दूतावास के जरिए दूतावास कर्मियों और पाकिस्तान में रहने वाले फ्रांसीसी नागरिकों और उद्योगपतियों को तत्काल पाकिस्तान छोड़ने से सम्बंधित खबरें प्रमुखता से प्रकाशित की हैं। अखबारों का कहना है कि तहरीक-ए-लब्बैक संगठन की तरफ से फ्रांस के लोगों को पाकिस्तान छोड़ने की धमकी दिए जाने के बाद से दूतावास ने यह फैसला लिया है। हालांकि पाकिस्तान सरकार ने तहरीक-ए-लब्बैक को प्रतिबंधित कर दिया है और उसके नेता मौलाना साद रिजवी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके बावजूद फ्रांसीसी दूतावास ने यह कठोर कदम उठाया है। अखबारों ने संयुक्त अरब अमीरात के जरिए भारत-पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया की बहाली के लिए की जा रही कोशिशों को सही ठहराते हुए कहा है कि यह सच है कि यूएई दोनों देशों के बीच आपसी सम्बंधों को बेहतर बनाने के प्रयास में जुटा हुआ है। अखबारों ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी जे ब्लिंकन की अचानक अफगानिस्तान यात्रा की खबरें भी काफी अहमियत से प्रकाशित की हैं। अखबारों ने लिखा है कि एंटोनी ब्लिंकन ने कहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजियों के जाने के बाद भी अमेरिका अफगानिस्तान से सम्बंध बनाए रखेगा। पाकिस्तान की सेना अध्यक्ष जनरल कमर बाजवा का एक बयान अखबारों ने काफी अहमियत से प्रकाशित किया जिसमें उन्होंने अमेरिका सहित नाटो देशों की सेनाओं के अफगानिस्तान से जाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि पाकिस्तान को इससे फायदा होगा। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में बनने वाली नई सरकार से पाकिस्तान को काफी उम्मीदें हैं। अखबारों ने प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान को भी काफी अहमियत के साथ प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि कमजोर आदमी जितनी भी चोरी कर ले, लंदन में फ्लैट और कोठी नहीं ले सकता है। उनका कहना है कि पाकिस्तान में कानून का राज स्थापित करने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं जिसमें हमें एक दिन कामयाबी जरूर मिलेगी। ताकतवर लोगों को कानून के मातहत लाने पर ही मुल्क तरक्की कर सकता है। उनका कहना है कि करप्ट लोग मुल्क का पैसा लूट कर विदेश ले गए और मुल्क को बर्बाद कर दिया है। यह सभी खबरें रोजनामा औसाफ, रोजनामा जिन्नाह, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा पाकिस्तान और रोजनामा जंग ने अपने पहले पृष्ठ पर प्रकाशित की हैं। रोजनामा जंग ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अतहर मनल्लाह का एक रिमार्क काफी अहमियत से प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने पाकिस्तान सरकार से कुलभूषण जाधव केस में भारत की गलतफहमी को दूर करने की हिदायत दी है। जस्टिस अतहर का कहना है कि नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले पर अमल नहीं चाहती है तो बता दे। वकील देने से सम्बंधित अगर कोई गलतफहमी है तो उसे दूर किया जाना चाहिए। अदालत ने कहा है कि कुलभूषण जाधव केस में विदेश मंत्रालय के जरिए भारत सरकार से संपर्क किया जाए और पाकिस्तान भारत की गलतफहमी को दूर करे। अगर भारत कुलभूषण जाधव से सम्बंधित अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले पर अमल नहीं चाहता है तो वह भी बता दे ताकि अदालत उसी हिसाब से अपनी कार्रवाई शुरू करे। रोजनामा नवाएवक्त ने भारत-बांग्लादेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ने से सम्बंधित खबरें काफी अहमियत से दी हैं। खबर में बताया गया है कि बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन भारत के गृहमंत्री अमित शाह पर बरस पड़े हैं। बांग्लादेश का कहना है कि भारतीय गृहमंत्री अमित शाह की पड़ोसी देश से सम्बंधित जानकारी काफी संकीर्ण है। बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ से सम्बंधित भारतीय गृहमंत्री के बयान पर कड़ी नुक्ता-चीनी करते हुए कहा है कि भारत को इस तरह के बयानों से परहेज करना चाहिए। इस तरह के बयानों से दो पड़ोसी देशों के बीच सम्बंधों में खराबी पैदा होती है। रोजनामा औसाफ ने ‘महंगाई के सताए आवाम को रिलीफ- पेट्रोल 1 रुपये 79 पैसा और डीजल 2 रुपये 32 पैसा प्रति लीटर सस्ता हुआ’ की हेडिंग से खबर काफी अहमियत से प्रकाशित की है। अखबार का कहना है कि मिट्टी तेल 2 रुपये 6 पैसा और लाइट डीजल की कीमत में 2 रुपये 21 पैसा लेटर की कमी की गई है। अखबार का कहना है कि पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में सरकार की तरफ से की गई कमी से पाकिस्तान में बढ़ रही बेतहाशा महंगाई से यहां की जनता को कुछ राहत जरूर मिलेगी। अखबार का कहना है कि इससे पहले भी सरकार की तरफ से पेट्रोलियम उत्पादों के दामों में कटौती करने का ऐलान किया गया था जिसका जनता ने स्वागत किया था। हिन्दुस्थान समाचार/एम ओवैस/मोहम्मद शहजाद

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