From Pakistani newspapers: Troubled by opposition but worried about health of Kashmiri separatists
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पाकिस्तानी अखबारों सेः विपक्ष से परेशान लेकिन कश्मीरी अलगाववादियों की सेहत की चिंता

नई दिल्ली, 29 दिसम्बर (हि.स.)। पाकिस्तान से मंगलवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने आज सेना के खिलाफ बयान देने वालों को न बख्शने वाले प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान को प्रमुखता दी है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान के सरकारी संगठनों को जो लोग निशाना बना रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अखबारों ने लिखा है कि इमरान खान ने कहा है कि उनकी हुकूमत के खिलाफ दबाव बनाने के लिए सेना के खिलाफ गलतबयानी की जा रही है। अखबारों ने यह भी लिखा है कि इमरान खान ने मौलाना फजलुर्रहमान पर कड़ा निशाना साधते हुए कहा है कि उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला खुलकर सामने आ चुका है और उन्होंने पाकिस्तान की आवाम की जो दौलत इकट्ठा की है, उसका जवाब उन्हें देना पड़ेगा। अखबारों ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का यह बयान भी प्रमुखता से छापा है जिसमें उन्होंने भारतीय जेलों में बंद कश्मीरी नेताओं के खराब स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि लंबे अरसे से आसिया अंद्राबी, यासीन मलिक, शब्बीर शाह जैसे नेताओं को जेलों में बंद कर रखा गया है और ऐसी खबरें भी मिल रही हैं कि उनकी सेहत काफी खराब है। इसके बावजूद भारत सरकार उनकी बिगड़ती तबीयत को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से कश्मीर के नेताओं की सुध लेने की अपील की है। अखबारों ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान आए अफगानी प्रतिनिधिमंडल के साथ हो रही बैठक की खबर देते हुए कहा है कि अफगानिस्तान तक पाकिस्तान के रास्ते जरूरी सामान भारत सहित और दूसरे पड़ोसी देशों से आने-जाने के लिए रणनीति पर भी गौर किया गया है। ये सभी खबरें रोजनामा औसाफ, रोजनामा जिन्नाह, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा जंग, रोजनामा खबरें ने अपने पहले पृष्ठ पर प्रकाशित की हैं। रोजनामा खबरें में दुनिया भर के अस्पतालों की रैंकिंग को लेकर एक खबर प्रकाशित की है। इसमें कहा गया है कि दुनिया भर के 5500 सरकारी अस्पतालों में पाकिस्तान का एक भी सरकारी अस्पताल शामिल नहीं हो सका है, जबकि दक्षिण एशिया के 20 बड़े प्राइवेट अस्पतालों में भारत के 15 अस्पताल, बांग्लादेश का एक और पाकिस्तान का एक प्राइवेट अस्पताल 22वें नंबर पर अपनी जगह बना सका है। यह रैंकिंग अस्पतालों की बुनियादी सहूलियत और वहां मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर को ध्यान में रखकर की जाती है। अखबार ने लिखा है कि पाकिस्तान में सरकारी अस्पतालों का बहुत बुरा हाल है। यहां मौजूद अस्पताल का स्टाफ मरीजों को लूटने खसूटने में लगा रहता है। अखबार का कहना है कि पाकिस्तान में लोग अपना इलाज सरकारी अस्पतालों में कराने के बजाए प्राइवेट अस्पतालों में कराने के लिए अधिक उत्साहित रहते हैं। रोजनामा पाकिस्तान ने यह खबर दी है कि सीपैक परियोजना ने दोनों देशों के आवाम का दिल जीत लिया है और इस प्रोजेक्ट के खिलाफ किए जा रहे सभी दुष्प्रचार का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। पाकिस्तान में पाकिस्तान और चीन मीडिया फोरम के जरिए आयोजित एक मीटिंग में प्रोजेक्ट को कामयाब बनाने के लिए दोनों देशों में मीडिया के अहम रोल पर भी विस्तार से चर्चा की गई है। इसके अलावा अखबार ने एमएल-वन लाहौर कराची रेलवे लाइन के दोहरीकरण और सुधारीकरण करने के लिए चीन के जरिए इस प्रोजेक्ट को आर्थिक मदद दिए जान की भी खबर दी है। हिन्दुस्थान समाचार/ एम ओवैस/मोहम्मद शहजाद/जितेन्द्र बच्चन-hindusthansamachar.in

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