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पाकिस्तानी अखबारों सेः जम्मू एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले की खबरों को दी प्रमुखता

- विदेश मंत्री कुरैशी ने भारत पर एफएटीएफ के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप लगाया - दोनों पड़ोसी देशों के नागरिकों को छोड़े जाने की खबर को भी दिया महत्व नई दिल्ली, 28 जून (हि.स.)। पाकिस्तान से सोमवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने जम्मू-कश्मीर में एयरबेस पर पहली बार ड्रोन से हमला होने की खबरें दी हैं। अखबारों ने लिखा है कि इस हमले में 2 लोग जख्मी हुए हैं। अखबारों का कहना है कि यह धमाका जम्मू एयरपोर्ट पर बनाए गए सेना के स्टेशन के टेक्निकल एरिया में हुआ है जहां पर एयर फोर्स और पुलिस की बैठक चल रही थी। धमाके की वजह से छत गिरने की भी खबर मिली है। अखबार ने लिखा है कि इस घटना के बाद एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है और सेना के अधिकारी इसकी जांच पड़ताल में लगे हुए हैं। अखबारों ने भारतीय मीडिया के हवाले से लिखा है कि सेना ने कहा है कि इस हमले में 2 लोग जख्मी हुए हैं जबकि एयरपोर्ट पर मौजूद साजो सामानों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। अखबारों ने तालिबान के जरिए अफगानिस्तान में सत्ता हथियाने के लिए किए जा रहे संघर्ष की खबरें भी महत्व के साथ प्रकाशित की हैं। अखबारों ने लिखा है कि तालिबान ने काबुल के करीब स्थित सात अन्य जिलों पर कब्जा कर लिया है। अखबारों ने लिखा है कि ड्रोन हमले और झड़पों में दोनों तरफ के 248 लोगों के मारे जाने की भी खबर आई है। अखबारों ने लिखा है कि शहर चारीकार पर कब्जे के लिए संघर्ष चल रहा है। एक मुसाफिर बस पर बम हमले में 13 लोगों के जख्मी होने की भी खबर है। अखबारों ने लिखा है कि तालिबान राजधानी काबुल से अब सिर्फ 63 किलोमीटर दूर है। अखबारों ने राष्ट्रपति जो-बाइडेन के जरिए इजराइल का समर्थन किए जाने के खिलाफ 73 कांग्रेस सदस्यों के खड़े होने की खबरें भी दी है। अखबारों ने लिखा है कि कांग्रेस सदस्यों ने राष्ट्रपति से इजराइल का समर्थन नहीं करने की मांग की है। सदस्यों का कहना है कि राष्ट्रपति यहूदी बस्तियों को गैरकानूनी करार देने और पूर्वी किनारे को विवादास्पद इलाका घोषित करने का प्रयास करें। अखबारों ने पाक अधिकृत कश्मीर में चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्यारोप की खबरें भी छापी हैं। अखबारों ने बिलावल भुट्टो का भी एक बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी वहां पर सरकार बनाने जा रही है। उनका कहना है कि कश्मीरियों ने इमरान खान की असलियत देख ली है। वह भारत के जासूस कुलभूषण के वकील हैं। कश्मीरियों के वकील नहीं है। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, औसाफ, रोजनामा दुनिया, एक्सप्रेस न्यूज और रोजनामा जंग ने अपने पहले पन्ने पर छापी हैं। रोजनामा नवाएवक्त ने अपने अखबार की लीड स्टोरी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के जरिए मीडिया को दिए गए एक बयान को लेकर छापी है। इस बयान में शाह महमूद कुरैशी ने आरोप लगाया है कि भारत एफएटीएफ का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहा है। उनका आरोप है कि भारत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को राजनीति से प्रेरित करने की कोशिश कर रहा है जबकि यह एक टेक्निकल मामला है। उनका यह भी आरोप है कि अगर परमाणु हथियार बनाने में काम में आने वाले यूरेनियम का टुकड़ा किसी पाकिस्तानी के पास से मिलता तो भारतीय मीडिया आसमान सर पर उठा लेता लेकिन पाकिस्तानी मीडिया ने भारत में आम नागरिकों से मिले यूरेनियम के टुकड़ों की खबर को अहमियत नहीं दी है और इसे काफी हल्के में लिया गया है। उन्होंने कहा है कि भारत में मिले यूरेनियम के मामले को उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की कोशिश की है मगर इस पर अंतर्राष्ट्रीय समूह किसी भी तरह का कोई रिएक्शन नहीं दे रहा है। रोजनामा दुनिया ने भारत-पाकिस्तान के जरिए एक दूसरे के नागरिकों को छोड़े जाने की खबरें खबर दी है। अखबार ने बताया है कि आम नागरिकों के आदान-प्रदान के लिए दोनों देशों ने आज एक दिन के लिए वाघा बॉर्डर खोलने का फैसला लिया है। अखबार में बताया है कि दोनों देशों के नागरिकों के एक दूसरे देशों में भेजने के लिए आज खासतौर से बाघा बॉर्डर को खोलने का फैसला लिया गया है। अखबार ने लिखा है कि पाकिस्तान से 461 भारतीय नागरिकों को भारत के सुपुर्द किया जाएगा। अखबार का कहना है कि यह तमाम लोग कोरोना वायरस महामारी की वजह से भारत वापस नहीं जा सके थे। अखबार ने लिखा है कि भारत की तरफ से 4 मछुआरों को पाकिस्तान के सुपुर्द किया जाएगा। यह सभी भारत की जेलों में बंद थे। इनके ऊपर भारतीय समुद्री सीमा का उल्लंघन कर भारत की सीमा में घुसने का आरोप लगाया गया था। हिन्दुस्थान समाचार/एम ओवैस/मोहम्मद शहजाद

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