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पाकिस्तानी अखबारों सेः किसान आंदोलन से खुश पड़ोसी मुल्क भी आया हिंसक प्रदर्शन की जद में

नई दिल्ली, 11 फरवरी (हि.स.)। पाकिस्तान से गुरुवार को प्रकाशित अधिकांश अखबारों ने इस्लामाबाद में संसद भवन के आसपास सरकारी कर्मचारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प से सम्बंधित खबरें प्रकाशित की हैं। अखबारों ने लिखा है कि सरकारी कर्मचारियों ने बेतहाशा बढ़ रही महंगाई से परेशान होकर अपने वेतन में वृद्धि किए जाने की मांग को लेकर इस्लामाबाद में धरना-प्रदर्शन किया है। इनके हिंसक धरना-प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे जिसकी वजह से सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। बाद में पुलिस ने कर्मचारी यूनियन के नेताओं को इस तरह का हिंसक प्रदर्शन करने के खिलाफ गिरफ्तार भी किया है। दूसरी तरफ गृहमंत्री शेख रशीद अहमद का एक बयान प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि हुकूमत बजट में तनख्वाह बढ़ाने से सम्बंधित प्रस्ताव लाने को तैयार है। उनका कहना है कि बजट से पहले 4 महीने की बढ़ी हुई तनख्वाह कर्माचारियों को दी जा सकती हैं। उन्होंने कर्मचारियों के प्रदर्शन में विपक्षी दलों की घुसपैठ पर कड़ी आपत्ति जताई है। अखबारों ने प्रधानमंत्री इमरान खान का एक बयान बहुत ही प्रमुखता से छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि एक सीनेटर की कीमत 70 करोड़ रुपए लगाई जा रही है। वह चाहते हैं कि सीनेट का चुनाव ओपन बैलेट से कराया जाए मगर विपक्ष इसका विरोध कर रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सीनेट चुनाव में नुकसान में रहेगा, अगर उसने खुले बैलेट से चुनाव कराने की बात नहीं मानी। अखबारों ने एक खबर प्रधानमंत्री के जरिए विधायकों को विकास कार्य कराने के लिए फंड दिए जाने से सम्बंधित फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई पर प्रकाशित की है। इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा गया है कि है प्रधानमंत्री अपने हस्ताक्षर से एक खत अदालत में जमा कराएं। हम उनके सचिव के जरिए भेजे गए खत को स्वीकार नहीं करेंगे। दूसरी तरफ अखबारों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का एक और रिमार्क्स छापा है जिसमें कहा गया है कि अगर पाकिस्तान में जम्हूरियत जिंदा होती और हमारे लीडर ईमानदार होते तो सियासत में इस तरह खुले तौर पर पैसों का अमल-दखल कभी नहीं होता। यह सभी खबरें रोजनामा औसाफ, रोजनामा जिन्नाह, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा पाकिस्तान और रोजनामा जंग ने अपने पहले पृष्ठ पर प्रकाशित की हैं। रोजनामा नवाएवक्त ने लंदन से एक खबर दी है जिसमें ब्रिटेन की संसद के एक संसदीय ग्रुप में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को खत लिखकर भारतीय कश्मीर में किए जा रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन और अल्पसंख्यक समुदाय के उत्पीड़न को रोकने की मांग की है। संसदीय ग्रुप ने पत्र में लिखा है कि जम्मू-कश्मीर में ब्रिटेन के संसदीय ग्रुप को वहां पर जाकर हालात का जायजा लेने की इजाजत भारत सरकार को देनी चाहिए। अखबार ने लिखा है कि सांसदों का मामला है कि भारत कश्मीर में दमनकारी नीति अपना रहा है। अखबार ने एक और खबर काफी अहमियत से प्रकाशित की है जिसमें कहा गया है कि भारतीय संसद में किसान आंदोलन को लेकर विपक्षी दलों के जरिए हंगामा किया जा रहा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर संसद से वॉकआउट भी किया है। सरकार पर पड़ रहे दबाव को देखते हुए प्रधानमंत्री की तरफ से एक बार फिर किसानों से बातचीत करने का न्योता दिया गया है। इस बीच किसानों ने आंदोलन को तेज करने के लिए आने वाले दिनों में 40 हजार ट्रैक्टरों की एक विशाल रैली निकालने का ऐलान भी किया है। रोजनामा खबरें ने चीन के जरिए लद्दाख में अपनी स्थति को और मजबूत बनाने से संबंधित खबर को पहली सुर्खी बनाया है। अखबार ने लिखा है कि चीन भारतीय घुसपैठ को रोकने के लिए लद्दाख में अपनी सेना की स्थिति को और मजबूत बना रहा है और वहां पर मौजूद झील में मोटर बोट की संख्या बढ़ाकर गश्त भी तेज़ कर दिया है। अखबार ने लिखा है कि चीन ने वहां पर अपनी सेना को मजबूत बनाने के लिए कुछ निर्माण भी कराया हैं। अखबार का कहना है कि चीन ने दावा किया है कि भारत की तरफ से उसके क्षेत्र में घुसने का प्रयास किया जा रहा है। अखबार का कहना है कि पिछले दिनों इसी तरह के एक प्रयास के दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प भी हुई थी जिसमें दोनों देशों को जान-माल का नुकसान उठाना पड़ा था। रोजनामा पाकिस्तान ने एक बार फिर से बिजली के दाम में एक रुपये 53 पैसे और गैस के दाम 14 रुपये 43 पैसे एमबीपीटी बढ़ाने का फैसला लिया गया है। अखबार का कहना है कि पाकिस्तान बिजली रेगुलेटरी अथॉरिटी की तरफ से जारी एक ऑर्डर में कहा गया है कि पाकिस्तान में बिजली के दामों में एक रुपये 53 पैसे की वृद्धि की गई है जबकि गैस के दामों में भी वृद्धि करने का फैसला लिया गया है। पाकिस्तान में पिछले कई महीनों से बिजली और गैस के साथ-साथ पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में वृद्धि की जा रही है जिसका जनता की तरफ से विरोध भी किया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/एम ओवैस/मोहम्मद शहजाद-hindusthansamachar.in

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