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पाकिस्तानी अखबारों सेः फलस्तीन पर हमले के खिलाफ सत्तापक्ष और विपक्ष की एकजुटता बना अहम मुद्दा

- अमेरिकी मुसलमानों के जरिए जो-बाइडन के ईद मिलन समारोह का बायकाट करने को भी दी प्रमुखता - भारतीय कोवैक्सीन से खून के थक्के जमने की घटनाओं और शवों को नदी किनारे दफनाने का भी उल्लेख नई दिल्ली, 18 मई (हि.स.)। पाकिस्तान से मंगलवार को प्रकाशित अधिकार समाचारपत्रों ने इजराइल के जरिए फलस्तीन पर की जा रही बमबारी पर सरकार और विपक्षी दलों में एकजुटता होने से सम्बंधित खबरें प्रमुखता से प्रकाशित की हैं। अखबारों ने लिखा है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने फलस्तीनियों के साथ इजहार-ए-हमदर्दी करते हुए सरकार का साथ देने की बात कही है। अखबारों ने लिखा है कि इजराइल फलस्तीनियों पर लगातार बमबारी कर रहा है। शहरी आबादी को निशाना बना रहा है। इजराइल के हमले में अब तक दो सौ से अधिक लोगों के मारे जाने की खबरें आ रही हैं जिसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। पाकिस्तान ने दुनिया के देशों से बमबारी रोकने के लिए इजराइल पर दबाव बनाने की अपील की है। अखबारों ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ को विदेश जाने से सम्बंधित हाईकोर्ट की मंजूरी को सरकार के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने की खबरों को भी प्रमुखता दी है। अखबारों का कहना है कि सरकार ने आरोप लगाया है कि शहबाज शरीफ पर अरबों के घोटाले का आरोप है। इसलिए उन्हें विदेश जाने से रोका जा रहा है। अखबारों ने रावलपिंडी की रिंग रोड निर्माण घोटाला में नैब के जरिए कार्रवाई शुरू किए जाने को लेकर खबरें भी दी हैं। अखबारों ने पाक सेना अध्यक्ष जनरल कमर बाजवा की पाकिस्तान स्थित यूरोपियन यूनियन के राजदूत से मुलाकात किए जाने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के लीडर बिलावल भुट्टो का भी एक बयान छापा है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि ईद पर भी यह शख्स पाकिस्तान की आवाम को महंगाई से राहत नहीं दिला पाया है। अखबारों ने अमेरिकी मुसलमानों के जरिए राष्ट्रपति जो-बाइडेन के ईद मिलन समारोह के बॉयकॉट किए जाने की खबरें भी दी हैं। अखबारों का कहना है कि अमेरिकी मुसलमानों के संगठनों ने राष्ट्रपति जो-बाइडेन के जरिए इजराइल का समर्थन किए जाने का जोरदार विरोध किया है और उनके जरिए वाइट हाउस में आयोजित किए जाने वाले ईद मिलन समारोह का बायकाट करने का फैसला किया है। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा औसाफ, रोजनामा खबरें, रोजनामा औसाफ, रोजनामा जंग और रोजनामा नवाएवक्त ने अपने पहले पन्ने पर छापी हैं। रोजनामा जंग ने एक खबर भारत में वैक्सीनेशन को लेकर के दी है। इस खबर में बताया गया है कि एक्स्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल से कई मरीजों के खून के जमने और खून के थक्के पड़ने की खबरें सामने आई हैं। अखबार ने बताया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से पहली बार इस बारे में जानकारी दी गई है। मंत्रालय ने बताया है कि एक्स्ट्राजेनेका वैक्सीन जिसे कोवीशील्ड वैक्सीन कहा जा रहा है, इसकी 16 करोड़ 40 लाख खुराक का इस्तेमाल किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि 26 ऐसे केस सामने आए हैं जिनमें मरीजों में इसके नकारात्मक असर देखने को मिला है। इन मरीजों में खून के जमने और खून के थक्के पढ़ने की शिकायत मिली है। मंत्रालय का कहना है कि हालांकि यह तादाद काफी कम है लेकिन वैक्सीन के इस तरह के असर से चिंता जाहिर की जा रही है। रोजनामा नवाएवक्त ने जम्मू-कश्मीर से एक खबर दी है जिसमें बताया गया है कि सेना के साथ मुठभेड़ में दो कश्मीरी नौजवान मारे गए हैं। अखबार ने यह भी बताया है कि हुर्रियत कांफ्रेंस ने आने वाले जुमा के दिन कश्मीर में पूर्ण हड़ताल की अपील की है। हुर्रियत कांफ्रेंस ने यह हड़ताल ख्वाजा अब्दुल गनी लोन और मीरवाइज उमर फारूक का शहीदी दिवस मनाने के लिए 21 मई के दिन हड़ताल करने का एलान किया है। अखबार ने बताया है कि सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ वाली जगह को पहले सील कर दिया था और वहां पर किसी को भी आने जाने नहीं दिया जा रहा था। इसके बाद होने वाली फायरिंग में 2 नौजवानों के मारे जाने की खबर मिली है। रोजनामा पाकिस्तान ने ईधी फाउंडेशन से संबंधित एक खबर प्रकाशित की है जिसमें बताया गया है कि फाउंडेशन के चेयरमैन फैसल ईधी ने फलस्तीन जाकर वहां के लोगों की मदद करने का फैसला लिया है। फैसल ने इसके लिए मिस्र सरकार से वीजा दिए जाने की दरख्वास्त की है। उनका मानना है कि इजिप्ट जाकर वो वहां से फलस्तीन जाएंगे और वहां पर राहत सामग्री वितरित करेंगे। फैसल ईधी ने इससे पहले पाकिस्तान में स्थित फलस्तीन के राजदूत से मुलाकात करके अपनी योजना के बारे में उन्हें जानकारी दी है। फिलहाल उनके जरिए 5 करोड़ की राहत सामग्री इकट्ठा की गई है। रोजनामा खबरें ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से खबर दी है। इस खबर में बताया गया है कि कोरोना वायरस से मरने वालों के शवों को उनका श्मशान घाट में अंतिम संस्कार करने के बजाए नदी किनारे मौजूद रेत में गड्ढा खोदकर उन्हें दफन किया जा रहा है। अखबार ने बताया है कि हवा से रेत के उड़ने की वजह से वहां पर बड़ी तादाद में मौजूद शवों के उभरकर सामने आने की खबर से हड़कंप मच गया है। अखबार का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस से हो रही मौतों की वजह से लोग अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार विधिवत रूप से नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि श्मशान घाट में जगह नहीं है। अखबार का कहना है कि इसीलिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने नदी किनारे पड़े रेत में शव को दफन करने का यह तरीका निकाला है। अखबार का कहना है कि शवों के इस तरह बाहर आ जाने से उत्तर प्रदेश सरकार की कलई खुल गई है। हिन्दुस्थान समाचार/एम ओवैस/मोहम्मद शहजाद

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