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पाकिस्तानी अखबारों सेः कश्मीर पर पाकिस्तान ने बहाए घड़ियाली आंसू

नई दिल्ली, 23 फरवरी (हि.स.)। पाकिस्तान से मंगलवार को प्रकाशित अधिकांश समाचार पत्रों ने वहां की सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तेखार का बयान प्रमुखता से छापा है। अखबारों का कहना है कि इस बयान में मेजर जनरल ने साफ किया है कि फिलहाल सरकार का डीजी आईएसआई को बदलने का कोई इरादा नहीं है। मेजर जनरल बाबर ने बताया कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खात्मे के लिए चार साल में बहुत कुर्बानियां दी हैं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सेना और पुलिस के चार सौ से ज्यादा जवान शहीद हुए हैं, लेकिन इस दौरान बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए और बड़ी तादाद में आतंकियों को सजा-ए-मौत दी गई है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता के हवाले से अखबारों ने लिखा है कि इस दौरान बहुत अधिक तादाद में विदेशी हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किए गए हैं। अखबारों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की पेशावर दौरे की खबर भी प्रकाशित की है। अखबारों ने लिखा है कि पार्टी की संसदीय समिति की बैठक में शामिल होने गए प्रधानमंत्री इमरान खान की बैठक से उनकी पार्टी के 20 नेशनल और राज्य असेंबली के सदस्य नदारद थे। इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने साफ किया है कि उनकी पार्टी में कोई भी सदस्य सीनेट चुनाव के लिए बिकने के लिए तैयार नहीं है। अखबारों ने संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का एक बयान प्रकाशित किया है। इस बयान में उन्होंने पाकिस्तान में आतंकवाद को सख्ती से कुचलने के लिए उसकी सराहना की है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान ने दक्षिणी वजीरिस्तान में शांति स्थापित करके दुनिया को दिखाया है कि उसने आतंकवाद को कुचलने के लिए कितनी मेहनत की है। अखबारों ने दक्षिणी वजीरिस्तान में एक गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) की कार पर आतंकवादियों के हमले की खबरें भी प्रकाशित की हैं। इस हमले में एनजीओ के लिए काम करने वाली चार महिलाओं के मारे जाने की खबरें भी प्रकाशित की गई है। सभी खबरें रोजनामा औसाफ, रोजनामा जिन्नाह, रोजनामा नवा-ए-वक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा पाकिस्तान और रोजनामा जंग ने अपने पहले पृष्ठ पर प्रकाशित की हैं। रोजनामा नवा-ए-वक्त ने भारत के जम्मू-कश्मीर से एक खबर काफी प्रमुखता से प्रकाशित की है। इस खबर में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 फरवरी के बाद कश्मीर का दौरा करने आ रहे हैं। अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद भारत के प्रधानमंत्री की जम्मू-कश्मीर की यह पहली यात्रा होगी। अखबार ने लिखा है कि प्रधानमंत्री की यात्रा के मद्देनजर कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया है। जगह-जगह तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और कश्मीरी नौजवानों की धर-पकड़ की जा रही है। अखबार का कहना है कि कश्मीर के हुर्रियत नेताओं ने प्रधानमंत्री के दौरे के दिन कश्मीर में काला दिवस मनाने का आह्वान किया है। नेताओं की इस हड़ताल की अपील में ट्रांसपोर्ट यूनियन और मार्केट एसोसिएशन भी पूरी तरह से शामिल हैं। अखबार ने लिखा है कि प्रधानमंत्री के दौरे के विरोध में जम्मू कश्मीर में जगह-जगह पोस्टर बैनर भी लगाए गए हैं। रोजनामा औसाफ ने कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के एक बयान को काफी अहमियत से प्रकाशित किया है। अपने बयान में उन्होंने कहा है कि भारत पाकिस्तान को जम्मू कश्मीर की समस्या का समाधान जल्द से जल्द करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि जब लद्दाख पर भारत, चीन से बातचीत करके समस्या का समाधान कर सकता है तो कश्मीर समस्या का समाधान भी भारत को पाकिस्तान के साथ बैठकर बातचीत करके करना चाहिए। रोजनामा पाकिस्तान ने ईरान के विदेश मंत्री जव्वाद जरीफ का एक इंटरव्यू जो कि उन्होंने किसी मीडिया चैनल को दिया है, उसका कुछ हिस्सा प्रकाशित किया है। इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि कश्मीर समस्या का समाधान इस समय की सबसे बड़ी जरूरी है। उन्होंने कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान से अपील करता हूं की वे मिल बैठकर कश्मीर समस्या का समाधान करने का प्रयास करें। उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा है कि कश्मीर समस्या की वजह से भारत पाकिस्तान में हमेशा जंग की स्थिति बनी रहती है। दोनों की सीमा पर इस समस्या को लेकर तनाव का माहौल बना कहता है। इसलिए दोनों देशों को चाहिए कि इस जटिल समस्या का समाधान करें, ताकि पूरे क्षेत्र में अमन-चैन की स्थापना की जा सके। हिन्दुस्थान समाचार/एम ओवैस/मोहम्मद शहजाद

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