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पाकिस्तानी अखबारों सेः पीडीएम के दो फाड़ होने से कमजोर पड़ा विपक्ष

- जुर्म की बड़ी वारदातें भी छाई रही सुर्खियों में नई दिल्ली, 06 अप्रैल (हि.स.)। पाकिस्तान से मंगलवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने सीनेट में विपक्षी दलों के संयुक्त मोर्चा पीडीएम में दो फाड़ होने से सम्बंधित खबरें प्रकाशित की हैं। अखबारों का कहना है कि सीनेट में पीडीएम में दरार पड़ने की वजह से सत्ताधारी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को काफी फायदा पहुंचा है। पीडीएम का एक धड़ा सीनेट में विपक्ष के नेता के तौर पर यूसुफ रजा गिलानी को मानने को तैयार नहीं है। इस बीच प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को सम्बोधित करते हुए कहा है कि विपक्षी दलों के बयानों का जवाब देने के बजाय सरकार की उपलब्धियों को जनता को बताने की कोशिश की जाए। अखबारों ने अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन के लिए राष्ट्रपति अशरफ गनी के राजी होने से संबंधित खबरें भी दी हैं। अखबारों का कहना है कि अफगानिस्तान में अमन बहाली से सम्बंधित तुर्की में होने वाली बैठक में उन्होंने इस बात का इशारा दिया है। राष्ट्रपति अशरफ गनी के पद छोड़ने और अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन के लिए किए जा रहे प्रयासों को सही ठहराया गया है। अखबारों का कहना है कि अमेरिका, अफगानिस्तान में नई सियासी हुकूमत के गठन पर गौर कर रहा है। अखबारों ने स्वाबी इंटरचेंज के करीब कल होने वाली फायरिंग में जज आफताब अफरीदी, उनकी पत्नी, बहू और पोते को सुपुर्द-ए-खाक किए जाने की खबरें दी हैं। उनके जनाजे में बड़ी तादाद में वकीलों और गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया है। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और एक संदिग्ध को गिरफ्तार भी कर लिया है। पुलिस की एफआईआर में पांच अन्य लोगों का नाम भी दर्ज किया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल के अध्यक्ष और उनके बेटे का नाम भी दर्ज किया गया है। अखबारों ने लाहौर में पबजी गेम खेलने से मना करने पर भाई-बहन समेत चार लोगों का कत्ल किए जाने से सम्बंधित खबरें काफी अहमियत से प्रकाशित की हैं। इस मामले में मां के जख्मी होने की भी खबर है। बिलाल ने पबजी खेलने से मना करने पर गुस्से में आकर अंधाधुंध फायरिंग कर दी जिसमें भाभी और घर के नौकर ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। भाई अली और बहन मारिया ने अस्पताल पहुंचकर दम तोड़ा दिया। पुलिस ने आरोपा को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया है। यह सभी खबरें रोजनामा औसाफ, रोजनामा जिन्नाह, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा पाकिस्तान और रोजनामा जंग ने अपने पहले पृष्ठ पर प्रकाशित की हैं। रोजनामा खबरें ने एक खबर काफी अहमियत से छापी है जिसमें बताया गया है कि अमेरिका ने अरब देशों से अपनी फौजों और असलहों को वहां से कम करना शुरू कर दिया है। अखबार का कहना है कि इससे सऊदी अरब को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सऊदी अरब ने अमेरिका के इस फैसले के बाद दोबारा पाकिस्तान समेत अन्य दोस्त मुल्कों की तरफ देखना शुरू कर दिया है। अखबार का कहना है कि अरब देशों से अमेरिका अपने सम्बंधों की फिर से समीक्षा कर रहा है जिसकी वजह से इन मुल्कों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के आदेश पर पेंटागन ने अरब क्षेत्र से तीन एंटी मिसाइल बेड़ों को निकाल लिया है। अखबार का कहना है कि सऊदी अरब और अमेरिका के बीच विवाद जनवरी से ही चल रहा है जिसके परिणाम अब सामने आ रहे हैं। अखबार का कहना है कि अमेरिका के इस कदम को ईरान से अपने सम्बंध बेहतर बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। रोजनामा जंग ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का एक बयान काफी अच्छी तरह से प्रकाशित किया है। इस बयान में महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि कश्मीरी जनता के लिए भारत के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के सिवा अब कोई चारा नहीं बचा है। महबूबा मुफ्ती ने अपने बयान में कहा है कि भारत सरकार जम्मू-कश्मीर में कश्मीरियों के खिलाफ सोची समझी रणनीति के तहत कार्रवाई कर रही है। उनका कहना है कि कश्मीरियों को बिना किसी कारण सेना और अर्धसैनिक बालों के जरिए मारा जा रहा है। उनके घरों आदि को बर्बाद किया जा रहा है। रोजनामा नवाएवक्त ने जम्मू कश्मीर के शोपियां और पुलवामा के देहातों की फौज और अर्धसैनिक बलों के जरिए घेराबंदी किए जाने की खबर दी है। अखबार का कहना है कि इस दौरान पुलिस ने दावा किया है कि इस्लामिक स्टेट जम्मू कश्मीर के एक कमांडर मलिक उम्मीद को गिरफ्तार किया गया है और उसके पास से गोला बारूद, पिस्टल और एकं लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं। अखबार ने पुलवामा के सात छात्रों के परिजनों के लिए प्रदर्शन करने की भी खबर दी है। अखबार का कहना है कि पंजाब के चंडीगढ़ जेल में 3 सालों से इन छात्रों को कैद कर रखा गया है। उनके परिजनों ने छात्रों की रिहाई के लिए प्रदर्शन किया है और संयुक्त राष्ट्र संघ से एक ज्ञापन देकर बेगुनाह छात्रों की रिहाई के लिए सरकार पर दबाव बनाने का अनुरोध किया है। हिन्दुस्थान समाचार/एम ओवैस/मोहम्मद शहजाद

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