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पाकिस्तानी अखबारों सेः यूरोपीय यूनियन के प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर दौरे का दुष्प्रचार कर रहा है हमसाया मुल्क

नई दिल्ली, 18 फरवरी (हि.स.)। पाकिस्तान से गुरुवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के सीनेट चुनाव से सम्बंधित खबरें काफी अहमियत से प्रकाशित की हैं। अखबारों ने लिखा है कि पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को साफ कहा है कि अगर सीनेट चुनाव में पार्टियों के उम्मीदवारों की संख्या से किसी पार्टी के सीनेटर अधिक चुन कर आते हैं तो इसका जिम्मेदार चुनाव आयोग होगा। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पार्टी के जितने मेंबर हैं, उसके हिसाब से ही सीनेटर चुन कर आने चाहिएं। अगर ऐसा नहीं होता है तो इसके लिए चुनाव आयोग पूरी तरह से जिम्मेदार होगा। अखबारों ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के मिस्र दौरे से सम्बंधित खबरें प्रकाशित की हैं। अखबारों ने लिखा है कि कुरैशी ने अपने समकक्ष से मुलाकात के दौरान क्षेत्र में व्याप्त अशांति के माहौल से उन्हें अवगत कराया है। अखबारों ने लिखा है कि भारत के जरिए की जा रही युद्ध की तैयारियों से भी उन्हें अवगत कराया है। अखबारों ने जम्मू कश्मीर में यूरोपीय यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल के दौरे से सम्बंधित खबरें भी प्रकाशित की हैं। अखबारों ने लिखा है कि इस प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर दौरे को लेकर वहां पर कश्मीरी संगठनों ने हड़ताल का आह्वान किया है। अखबारों ने यह भी लिखा है कि भारत आए प्रतिनिधिमंडल में शामिल अधिकांश सदस्य भारत समर्थित हैं और इनके आने से कश्मीरियों को कोई फायदा होने वाला नहीं है। अखबारों ने पाकिस्तान की पूर्व सीनेटर और जनरल परवेज मुशर्रफ की खास मानी जाने वाली यासमीन के जरिए सीनेट चुनाव के दौरान फर्जी डिग्री और कागजात जमा कराने के आरोप में एक अदालत के जरिए दो साल की सजा सुनाए जाने से सम्बंधित खबरें भी प्रकाशित की हैं। अखबारों ने इमरान सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक से संबंधित खबरें भी प्रकाशित की हैं। बैठक में सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत का इजाफा किए जाने और अगला आम चुनाव इलेक्ट्रॉनिक मशीन से कराए जाने का फैसला किया गया है। यह सभी खबरें रोजनामा औसाफ, रोजनामा जिन्नाह, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा पाकिस्तान और रोजनामा जंग ने अपने पहले पृष्ठ पर प्रकाशित की हैं। रोजनामा नवाएवक्त ने भारत सरकार के जरिए पाकिस्तान आने वाले सिख श्रद्धालुओं को बार्डर पर रोके जाने से सम्बंधित खबर प्रकाशित की हैं। अखबार का कहना है कि ननकाना साहब के 100 साला जश्न में शामिल होने के लिए भारत से सिख श्रद्धालुओं का एक जत्था पाकिस्तान आने वाला था। जश्न में भाग लेने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय के जरिए पहले इजाजत दे दी गई थी लेकिन जब यह जत्था बार्डर पर पहुंचे तो उन्हें विदेश मंत्रालय के आदेश का हवाला देते हुए रोक दिया गया है। पाकिस्तान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने भारत सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। कमेटी का कहना है कि भारत सरकार ने जानबूझकर सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान आने से रोका है। अखबार में एक और खबर भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर के छापी है। इस खबर में कहा गया है कि किसानों ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय का घेराव किया है। आज बुधवार के दिन किसान संगठनों की तरफ से रेल रोको आंदोलन चलाया जाएगा। अखबार का कहना है कि भारत सरकार के जरिए लाए गए तीन कृषि कानूनों का किसान विरोध कर रहे हैं और इन कानूनों को सरकार से वापस लेने की मांग कर रहे हैं। मगर सरकार की तरफ से कानून वापस नहीं लिया जा रहा है जिसकी वजह से किसान दिल्ली के बॉर्डर पर धरना देकर के बैठे हुए हैं। रोजनामा पाकिस्तान ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की लीडर मरियम नवाज का एक बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी वाले चुनाव के दौरान आपसे वोट मांगने आए तो बिजली और गैस के बिल उन्हें दिखाएं। मरियम का कहना है कि पाकिस्तान में जब से इमरान खान सरकार आई है तब से मंहगाई में बेतहाशा वृद्धि हुई है। बिजली पेट्रोलियम उत्पाद और रसोई गैस के दामों में हर महीने वृद्धि की जा रही है। अखबार का कहना है कि मंहगाई के कारण पाकिस्तान की मिडिल क्लास फैमिली की कमर टूट गई है। उन्होंने कहा है कि आने वाले चुनाव में पाकिस्तान की जनता इमरान खान सरकार को जरूर सबक सिखाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/एम ओवैस/मोहम्मद शहजाद-hindusthansamachar.in

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