पाकिस्तानी अखबारों सेः महंगाई रोकने में नाकाम, फिर भी भारत से नहीं करेंगे कारोबार

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- कोरोना की पहली, दूसरी और तीसरी लहर को दवाएं बेचने की साजिश मानते हैं अधिकतर पाकिस्तानी - दुनियाभर से मदद पहुंचने के बावजूद भारत में लोगों तक नहीं पहुंचने का पाक मीडिया का दावा नई दिल्ली, 04 मई (हि.स.)। पाकिस्तान से मंगलवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने देश में बढ़ रही बेतहाशा महंगाई और सरकार के जरिए उसे नियंत्रित नहीं कर पाने से सम्बंधित खबरें काफी अहमियत से प्रकाशित की हैं। अखबारों ने सरकार के सलाहकार अब्दुल रज्जाक दाऊद का बयान छपा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की सरकार देश में महंगाई पर काबू पाने में पूरी तरह से नाकाम रही है। अभी तक तमाम जरूरी वस्तुओं की कीमतों को कंट्रोल नहीं किया जा सका है। आम आदमी को सख्त परेशानियों का सामना है। उनका कहना है कि भारत के साथ व्यापार तब तक शुरू नहीं हो सकता है जब तक सभी राजनीतिक समस्याओं का हल नहीं हो जाता है। उनका कहना है कि अभी फिलहाल इसकी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। अखबारों ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ का एक बयान भी काफी अच्छी तरह प्रकाशित किया है। इस बयान में उन्होंने कहा कि सत्ताधारी लूटमार ना करते तो जनता को आज आटा और चीनी के लिए धक्के नहीं खाने पड़ते। उनकी मांग है कि सरकार मां-बहनों को लाइन से निजात दिलाए और बेतहाशा बढ़ रही महंगाई पर जल्द से जल्द काबू पाए। अखबारों ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की लीडर मरियम नवाज का भी एक बयान छपा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि जब प्रधानमंत्री जनता से मिलने निकलते हैं तो कर्फ्यू नहीं लगाया जाता है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस्लामाबाद में सुरक्षा के ताम-झाम के बिना ख़ुद मोटर कार चलाकर बाजारों में जाकर लोगों से मुलाकात की है। यह महज धोखा है। उनका कहना है कि यह एक पब्लिसिटी स्टंट है। इसके अलावा कुछ नहीं है। अखबारों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के जरिए सऊदी अरब की दो दिन की यात्रा पर जाने की खबरें भी दी हैं। अखबारों का कहना है कि इस दौरान इमरान खान सऊदी शाह और क्राउन प्रिंस से मुलाकात करेंगे। अखबारों का कहना है कि दोनों देशों के बीच इस दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की भी संभावना है। अखबारों ने सरकार के जरिए चुनाव सुधार पैकेज का ऐलान किए जाने की भी खबरें दी है। अखबारों ने बताया है कि चुनाव एक्ट में 49 संशोधन किए जाने की सिफारिश की गई है। सरकार ने एक बार फिर तमाम विपक्षी दलों से बातचीत की पेशकश की है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के लीडर बिलावल भुट्टो ने सरकार के जरिए किए जा रहे हैं चुनाव सुधारों के प्रयासों का स्वागत किया है। यह सभी खबरें रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा जंग और रोजनामा औसाफ ने अपने पहले पन्ने पर छापी हैं। रोजनामा औसाफ ने हसन अब्दाल में एक मुसाफिर बस के खाई में गिरने से 13 व्यक्तियों की मौत होने और 18 के जख्मी होने की दर्दनाक खबर दी है। अखबार का कहना है कि यह हादसा बरहान इंटरचेंज के करीब पेश आया है। यह बस लाहौर से मरदान जा रही थी। सभी घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अखबार का कहना है कि यह हादसा बस की तेज गति की वजह से पेश आया है। बस की रफ्तार इतनी तेज थी कि हादसा होने के बाद बस कई कलाबाजियां खाकर दूर जाकर गिर पड़ी। मरने वालों में एक औरत और उसकी बच्ची भी शामिल है। यह हादसा रोजा-इफ्तार होने से कुछ मिनट पहले पेश आया है। रोजनामा खबरें ने एक सर्वे काफी प्रमुखता से प्रकाशित किया है। इस सर्वे में बताया गया है कि हर 10 में से चार पाकिस्तानी कोरोना वायरस वैक्सीन पर शक और संदेह कर रहा है। अखबार का कहना है कि सर्वे में बताया गया है कि पाकिस्तानियों की एक अच्छी तादाद कोरोना वायरस वैक्सीन को साजिश करार दे रही है। पाकिस्तानियों कहना है कि कोरोना वायरस वैक्सीन से कोई फायदा होने वाला नहीं है। उनका कहना है कि कोरोना वायरस की पहली, दूसरी और तीसरी लहर सब ड्रामा है। यह सिर्फ दवाएं बेचने का बहाना है। पाकिस्तानियों का कहना है कि कोरोना का मकसद गरीब देशों को आर्थिक तौर पर कमजोर करना है। सर्वे में बताया गया है कि वैक्सीन कब, कहां और कैसे हासिल करें, इसको लेकर भी पाकिस्तानी गलतफहमी का शिकार हैं। रोजनामा जंग ने ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री का एक बयान छापा है। इस बयान में उन्होंने कहा है कि भारत पर हवाई प्रतिबंध लगाने के पीछे उनकी सरकार की किसी भी तरह की कोई भी नस्लीय भेदभाव की भावना नहीं है। उनका कहना है कि भारत में बढ़ रहे कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया सरकार ने पाबंदी लगाई है। उनका कहना है कि उनके ऊपर जो आरोप लगाया जा रहा है, वह बेबुनियाद है। अखबार ने बताया है कि भारत में एक दिन में फिर चाल लाख लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की खबरें मिली हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद भारत में ऑक्सीजन का संकट अभी भी बरकरार है। अखबार का कहना है कि दुनिया भर से मदद लेकर जहाज भारत पहुंच रहे हैं, मगर अभी भी आम आदमी तक मदद नहीं पहुंच पा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/एम ओवैस/मोहम्मद शहजाद

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