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पाकिस्तानी अखबारों सेः कोरोना के संगीन हालात से जूझने के बावजूद पड़ोसी मुल्क हम से कर रहा है तुलना

- बैक चैनल के बजाए भारत से सीधे संपर्क की वकालत की लेकिन साथ में छेड़ा कश्मीर राग नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। पाकिस्तान से सोमवार को प्रकाशित अधिकांश अखबारों ने पाकिस्तान में कोरोना वायरस के बेकाबू होने से सम्बंधित खबरें प्रकाशित की हैं। अखबारों का कहना है कि रविवार के दिन 149 लोगों की मृत्यु कोरोना वायरस से हुई है जो कि एक रिकॉर्ड है। अखबारों का कहना है कि सरकार ने प्राइमरी और मिडिल स्कूल ईद तक बंद करने का फैसला लिया है जबकि कक्षा नौवीं से 12वीं तक की क्लासेज आज से शुरू होने की भी खबर दी गई है। अखबार ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में तहरीक-ए-लब्बैक के कार्यकर्ताओं के जरिए अभी भी सड़कों पर आकर धरना-प्रदर्शन करने और नेशनल हाईवेज को बंद करने की खबरें भी दी हैं। अखबारों का कहना है कि लाहौर में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए ऑपरेशन जारी है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के जरिए एक थाने पर धावा बोले जाने और वहां तैनात 12 पुलिसकर्मियों का अपहरण किए जाने की भी खबर अखबारों ने दी है। अखबारों ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का बयान काफी अहमियत से प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि हम भारत से सीधे संपर्क चाहते हैं। बैक चैनल से संपर्क नहीं चाहते हैं। उनका कहना है कि बातचीत के लिए पाकिस्तान पूरी तरह से तैयार है। अखबार का कहना है कि विदेश मंत्री ने कहा है कि अभी तक उनकी भारतीय विदेश मंत्री से मुलाकात तय नहीं है। उनका कहना है कि भारत बातचीत के लिए 5 अगस्त के जम्मू-कश्मीर के सिलसिले में लिए गए फैसले पर पुनर्विचार करे तभी बातचीत आगे बढ़ सकती है। अखबारों ने पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तरीन का एक बयान काफी अहमियत से छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि जीडीपी 6 से 7 फीसद तक लाना आर्थिक समस्याओं का हल है। उनका कहना है कि 35 सालों से यह सब जानता हूं और आर्थिक स्थिति में ठहराव लाने के लिए बेहतरीन तरीके से काम करेंगे। शौकत तरीन ने प्रधानमंत्री से मुलाकात करके पाकिस्तान के आर्थिक हालात को बेहतर बनाने के लिए उन्हें एक खाका पेश किया है। यह सभी खबरें रोजनामा औसाफ, रोजनामा जिन्नाह, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा पाकिस्तान और रोजनामा जंग ने अपने पहले पृष्ठ पर प्रकाशित की है। रोजनामा औसाफ ने एक खबर ‘भारत में कोरोना से तबाही, एक दिन में दो लाख से ज्यादा मरीज मिले’ शीर्षक से छापी है। अखबार ने बताया है कि भारत के राज्य महाराष्ट्र में 67,123 लोगों के एक दिन में संक्रमित होने की खबर मिली है। साथ ही उत्तर प्रदेश में भी हालात खराब होते जा रहे हैं। अखबार का कहना है कि भारत में एक दिन में तकरीबन देढ़ हजार नागरिक कोरोना वायरस की वजह से दम तोड़ रहे हैं। भारत में अब तक 1 लाख 70 हजार से ज्यादा लोग कोरोना वायरस का शिकार हो चुके हैं। अखबार का कहना है कि पिछले 4 दिनों से कोरोना वायरस के दो लाख से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। पिछले दिन 2 लाख 60 हजार से ज्यादा नागरिक कोरोना वायरस का शिकार हुए हैं। राजधानी नई दिल्ली, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ राज्य में भी स्थिति काबू से बाहर हो गई है। रोजनामा जंग ने ब्रिटेन के वैज्ञानिकों के हवाले से एक खबर काफी अहमियत से दी है। इस खबर में बताया गया है कि वैज्ञानिकों ने ब्रिटेन की सरकार से भारत को रेड लिस्ट में डाले जाने की मांग की है। अखबार ने ब्रिटेन में कोरोना वायरस के भारतीय वैरिएंट के फिर से मिलने से वहां पर कोरोना केस में तेजी से वृद्धि होने की खबर दी है। अखबार का कहना है कि कोरोना वायरस के भारतीय वैरिएंट के ब्रिटेन में सामने आने के बाद भारत को रेड लिस्ट में शामिल करने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। अखबार का कहना है कि ब्रिटेन ने अभी हाल ही में बड़ी मुश्किल से कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाया है लेकिन अब वहां पर भारतीय वैरीएंट के पहुंचने से काफी बेचैनी पाई जा रही है और ऐसी संभावना जताई जा रही है कि ब्रिटेन भारत पर बहुत जल्द पाबंदियां लगाने पर काम कर रहा है। रोजनामा पाकिस्तान ने स्वास्थ्य कर्मियों को 20 प्रतिशत से भी कम कोरोना वैक्सीन लगाने की खबर का रहस्योद्घाटन किया है। अखबार का कहना है कि पूरे देश में अब तक 3 लाख 50 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को ही कोविड-19 की पहली डोज लगाई गई है। अखबार का कहना है कि पाकिस्तान में फ्रंटलाइन वर्कर्स की तादाद 4 लाख 60 हजार से ज्यादा है। अखबार का कहना है कि वैक्सीनेशन के मामले में पाकिस्तान दिन-प्रतिदिन पिछड़ता जा रहा है। अखबार का कहना है कि चीनी वैक्सीन साइनो फॉर्म की खेप फ्रंटलाइन वर्कर को मुफ्त लगाने के लिए पाकिस्तान में उपलब्ध कराई गई थी लेकिन उसका कोई हिसाब-किताब मौजूद नहीं है। अखबार का कहना है कि अगर सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना वायरस वैक्सीन लगा दी जाए तो वह और भी अच्छी तरह से अपने काम को अंजाम दे सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/एम ओवैस/मोहम्मद शहजाद

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