पाकिस्तानी अखबारों सेः ब्रिटिश सांसदों के कश्मीर मुद्दा उठाने पर हांकी बड़ी-बड़ी डींगें
नई दिल्ली, 15 जनवरी (हि.स.)। पाकिस्तान से शुक्रवार को प्रकाशित अधिकांश अखबारों ने ब्रिटेन के सांसदों द्वारा भारतीय कश्मीर में भारत सरकार के जरिए बर्बरतापूर्ण कार्रवाई करने से संबंधित आरोपों की खबर प्रकाशित की है। अखबारों ने लिखा है कि ब्रिटेन के कई सांसदों ने कहा है कि कश्मीर मसला भारत का अंदरूनी मसला नहीं है। भारत की सरकार कश्मीरियों को बिना किसी जुर्म के जेलों में बंद कर रही है। यहां तक कि महिलाओं और बच्चों तक पर जुल्म करने की खबरें आ रही हैं। सांसदों का कहना है कि दुनिया के दूसरे तमाम देशों को इसका नोटिस लेना चाहिए। इस संबंध में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का बयान भी अखबारों ने प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि कश्मीर समस्या पर अब दुनिया के कई देशों की संसद में चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्ताव के अनुसार होना चाहिए और यह समस्या संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद के सामने लम्बे समय से है। अखबारों ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अतहर मिनअल्लाह का रिमार्क छापा है जिसमें उन्होंने पाकिस्तान सरकार से कहा है कि वह भारत सरकार से संपर्क करके कुलभूषण जाधव केस की उन्हें याद दिलाएं कि इस केस की पैरवी करनी है कि नहीं। जस्टिस का कहना है कि भारत सरकार कुलभूषण केस में वकील नहीं भेजेगी तो सुनवाई कैसे शुरू की जाएगी। अखबारों ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर भारत के जरिए की गई गोलाबारी में पाकिस्तान के एक सिपाही के मारे जाने की भी खबर दी है। इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारत की तरफ से की गई गोलाबारी का पाकिस्तान ने भी जवाब दिया है। यह सभी खबरें रोजनामा औसाफ, रोजनामा जिन्नाह, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा जंग, रोजनामा खबरें और रोजनामा पाकिस्तान ने अपने पहले पृष्ठ पर प्रकाशित की हैं। रोजनामा खबरें ने भारत से संबंधित एक खबर दी है कि मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने लाल किले पर खालसा झंडा लहराने की घोषणा की है। किसान नेताओं का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर वह ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। अखबार ने लिखा है कि कल किसान नेताओं ने लोहड़ी का त्योहार धरना स्थल पर ही मनाया और तीनों किसान विरोधी कानूनों की कॉपियां भी जलाई हैं। अखबार ने यह भी लिखा है कि कल हरियाणा और पंजाब में किसानों ने रेल यातायात को भी बाधित किया जिसकी वजह से रेलों में सवारी करने वाले यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। रोजनामा औसाफ ने पाकिस्तान में बनाए जा रहे वक्फ कंट्रोल एक्ट-2020 के संबंध में एक खबर प्रकाशित की है। अखबार ने इस बात का संदेह जताया है कि एक्ट की रूपरेखा तैयार करने वाले संगठन का संबंध अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए से है। एजुकेशन एंड पीस सोसायटी को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह पाकिस्तान की मस्जिद और मदरसों को कंट्रोल करने के लिए रणनीति बनाए। पाकिस्तान में वक्फ संपत्तियों की देखरेख के लिए बनाए जा रहे कायदे-कानून के लिए इस सोसाइटी की सेवाएं ली गई हैं जिसका विरोध किया जा रहा है। आरोप लगाया जा रहा है कि इस संगठन के जरिए सरकार मस्जिद और मदरसों पर शिकंजा कसना चाहती है। अखबार ने यह भी खबर दी है कि पाकिस्तानी संसद की डिस्पेंसरी पर ड्रग्स इंस्पेक्टर ने छापा मारा है। छापामारी मुहिम के दौरान सांसदों को लगाए जाने वाले शुगर के इंजेक्शन इंसुलिन के रखरखाव में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। ड्रग्स इंस्पेक्टर ने सारी दवाइयों को फिलहाल सील कर दिया है और जांच चल रही है। यह छापेमारी पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय की शिकायत पर की गई थी। हिन्दुस्थान समाचार/एम ओवैस/मोहम्मद शहजाद-hindusthansamachar.in