मानसून का पूर्वानुमान करना हमारी खाद्य सुरक्षा की जीवन रेखा: डॉ. हर्षवर्धन
-डॉ. हर्षवर्धन ने उत्तराखंड के मुक्तेश्वर और हिमाचल प्रदेश के कुफरी में डॉपलर मौसम राडार और इसरो के सहयोग से मल्टी मिशन मौसम डेटा प्राप्ति तथा प्रसंस्करण सिस्टम का उद्घाटन किया -भारतीय मौसम विभाग ने अपना 146वां स्थापना दिवस मनाया नई दिल्ली, 15 जनवरी (हि.स.)। भारतीय मौसम विभाग ने शुक्रवार को 146वां स्थापना दिवस मनाया। केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए पृथ्वी विज्ञान और मौसम विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को इस अवसर पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि 1875 में मौसम विभाग अपनी स्थापना के समय से मौसम के विपरीत प्रभाव से लोगों और लोगों के रोजगार की रक्षा में बड़ी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मानसून का पूर्वानुमान करना हमारी खाद्य सुरक्षा की जीवन रेखा है, जिससे न केवल अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ, अपितु मानसून से आने वाली बाढ़ और सूखे के कारण होने वाले नुकसान में बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई है। मौसम विभाग लगातार मानसून और तूफान के बारे में अपने पूर्वानुमान को सटीक बनाने पर फोकस कर रहा है, क्योंकि हमारी कृषि जीडीपी पर आधारित है और इसे सुरक्षित रखना आवश्यक है। तूफान, भारी वर्षा, गरज के साथ तूफान, लू और शीतलहर जैसी विपरीत परिस्थितियों में होने वाली मौतों की संख्या को न्यूनतम बनाने में मौसम विभाग कामयाब रहा है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में सही पूर्वानुमान और समय पर चेतावनी देने से ये संभव हुआ है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले मानसून के दौरान मौसम विभाग ने देश के 30,000 वाटरशेड में प्रत्येक 6 घंटे के लिए अचानक बाढ़ की सूचना दी। यह सूचना प्रत्येक 6 घंटे में नेपाल, भूटान, बंगलादेश और श्रीलंका को भी दी गई। कैलाश मानसरोवर और चारधाम के तीर्थयात्रियों को मौसम की पहले ही मिलेगी सही जानकारी डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग अति उन्नत डॉपलर मौसम राडार विभिन्न चरणों में विभिन्न स्थानों पर लगाकर मध्य और पश्चिमी हिमालय में अपने नेटवर्क को आधुनिक बना रहा है। ये राडार मौसम का पूर्वानुमान करने वाले अधिकारियों को मौसम की सूचना देंगे और इससे उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के राज्यों में जनता की सुरक्षा में मदद मिलेगी। कैलाश मानसरोवर और चारधाम के तीर्थयात्रियों को मौसम की पहले ही सही जानकारी देगा। डॉ. हर्षवर्धन ने उत्तराखंड में मुक्तेश्वर और हिमाचल प्रदेश में कुफरी में डॉपलर मौसम राडार का उद्घाटन किया। मल्टी मिशन डेटा प्राप्ति और प्रसंस्करण पद्धति इसरो के सहयोग से मौसम विभाग में लगाई गई है, जिसे विपरीत मौसम के दौरान मॉनिटरिंग और पूर्वानुमान के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा रक्षा सेवाओं, आपदा प्रबंधन, बिजली क्षेत्र, विमानन, रेलवे, पर्यटन और कृषि मौसम परामर्श सेवाओं में भी यह मददगार होगा। कंप्यूटिंग पावर में भारत विश्व में चौथे स्थान पर उन्होंने कहा कि भारत ब्रिटेन, अमरीका और जापान के बाद कम्प्यूटिंग पावर में चौथे स्थान पर है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मौसम पूर्वानुमान में उन्नत सेवाओं के लिए मौसम विभाग की सराहना की, जिससे दोनों पर्वतीय राज्यों में जानमाल की सुरक्षा की जा सकेगी। दोनों ने अपने राज्यों के लिए सटीक और पूर्वानुमान मौसम सूचना को उल्लेखनीय बताया, क्योंकि इनसे कृषि और पर्यटन निर्भर हैं। मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. एम. मोहपात्रा व पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. राजीवन ने निकट भविष्य में मौसम विभाग के लिए महत्वपूर्ण विकास का उल्लेख करते हुए इसकी योजना को स्पष्ट किया। हिन्दुस्थान समाचार /विजयालक्ष्मी-hindusthansamachar.in