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चेन्नई में पहला मेड इन इंडिया 3-डी प्रिंटेड हार्ट वॉल्व विकसित

चेन्नई, 17 अगस्त (आईएएनएस)। चेन्नई के एक हार्ट सर्जन ने घोषणा की कि उन्होंने भारत का पहला 3-डी प्रिंटेड हार्ट वॉल्व डिजाइन और विकसित किया है, जिससे हर साल हार्ट वॉल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी की जरूरत वाले हजारों मरीजों को उम्मीद मिली है। इस समय उपलब्ध कृत्रिम हृदय वॉल्व या तो धातु के घटकों (यांत्रिक) से बने होते हैं, या जानवरों के ऊतकों (बायोप्रोस्थेटिक) से बने होते हैं, प्रत्येक के अपने नुकसान या जटिलताएं होती हैं, जैसे कि रक्त के थक्के बनने का जोखिम, अधोपतन के कारण वाल्व की विफलता, वाल्व संक्रमण, लंबे समय तक रक्त को पतला करने वाली दवाओं आदि की जरूरत। फ्रंटियर लाइफलाइन अस्पताल के उपाध्यक्ष और सीओओ डॉ. संजय चेरियन ने एक बयान में कहा, 3डी प्रिंटर का उपयोग करके विकसित किए गए नए हृदय वॉल्व कृत्रिम हृदय वॉल्व से संबंधित समस्याओं को दूर कर सकते हैं। हृदय वाल्व विशेष बायोपॉलिमर का उपयोग करके बनाए गए हैं, जो मानव ऊतक के समान होते हैं, जिन्हें सीधे हृदय रोगियों में लगाया जा सकता है। चेरियन ने कहा, हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमने भारत का पहला 3डी प्रिंटेड हार्ट वॉल्व डिजाइन और विकसित किया है। उन्होंने कहा, यह नया 3डी प्रिंटेड हार्ट वॉल्व कार्डियक सर्जरी का भविष्य हो सकता है, क्योंकि यह इस समय उपलब्ध कृत्रिम हृदय वाल्व से जुड़े अधिकांश नुकसान/जटिलताओं को दूर करता है जो आज उपयोग में हैं। चेरियन ने सेंटर फॉर ऑटोमेशन एंड स्कूल ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग, वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी), चेन्नई के सहयोग से नया 3डी प्रिंटेड हार्ट वाल्व विकसित किया। चेरियन ने कहा, इस 3डी प्रिंटेड हार्ट वॉल्व का एक और अतिरिक्त लाभ यह है कि इसका डिजाइन विशेष कंप्यूटर-एडेड डिजाइन सॉफ्टवेयर और मानव हृदय की एमआरआई स्कैन छवियों के आधार पर एक मॉडलिंग तकनीक का उपयोग करके विकसित किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप अब हम अनुकूलित करने में सक्षम हैं। और 3डी प्रिंट वाले हार्ट वॉल्व जो मरीज के दिल के आकार में बिल्कुल फिट होंगे। उन्होंने कहा, विशेष रूप से चूंकि यह मेड इन इंडिया है, इसलिए इस हृदय वॉल्व की लागत आयातित हृदय वाल्व की तुलना में बहुत कम हो सकती है जो इस समय भारत में उपयोग की जाती है। चेरियन का लक्ष्य इस 3डी प्रिंटेड हार्ट वॉल्व का पेटेंट कराना है, और इसकी बायोकम्पैटिबिलिटी, प्रभावकारिता और टिकाऊपन की पुष्टि करने के लिए इसका परीक्षण करना है। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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