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समाज में हर प्रकार के लैंगिक भेदभाव को समाप्त किया जाना चाहिए : उपराष्ट्रपति

नई दिल्ली, 12 अप्रैल (हि.स.)। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज समाज से हर प्रकार के लैंगिक भेदभाव को समाप्त करने और महिलाओं को जीवन के हर क्षेत्र में समान अधिकार सुनिश्चित करने का आह्वान किया है। उपराष्ट्रपति वेंकैया ने सोमवार को उपराष्ट्रपति आवास पर आयोजित कार्यक्रम में ब्रह्मकुमारी आध्यात्मिक आंदोलन की पथ प्रदर्शक और पूर्व प्रमुख राजयोगिनी दादी जानकी की स्मृति में विशेष डाक टिकट जारी करते हुए कहा, “राजयोगिनी दादी जानकी जी द्वारा मानवता की निःस्वार्थ सेवा की पावन स्मृति में, भारत सरकार के संचार मंत्रालय द्वारा मुद्रित पांच रुपये के डाक टिकट को जारी करते हुए मुझे विशेष प्रसन्नता और संतोष हो रहा है।” वैदिक काल की दो प्रसिद्ध महिला विद्वानों गार्गी और मैत्रेयी का उल्लेख करते हुए नायडू ने कहा कि भारत में हर क्षेत्र में महिला नेताओं का एक समृद्ध इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं के विरुद्ध व्याप्त भेदभाव, समाज के नैतिक मूल्यों के पतन को दिखाता है जिसे बदलना चाहिए। 2019 में ब्रह्म कुमारियों के शांतिवन परिसर में श्रद्धेय दादी जानकी के साथ उनकी मुलाकात को याद करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा, "दुनिया भर में फैले ब्रह्म कुमारियां दादी के जीवन के मूल्यों और सिद्धांतों का एक जीवंत उदाहरण हैं।" उन्होंने कहा कि यह विश्वव्यापी आंदोलन महिलाओं के सशक्तीकरण और स्वतंत्रता का एक अनुकरणीय चैंपियन रहा है। यह इस तथ्य को प्रदर्शित करता है कि आध्यात्मिक प्राप्ति लिंग-आधारित भेद को पार करती है। यह कहते हुए कि आध्यात्मिकता सभी धर्मों का आधार है नायडू ने कहा कि केवल आध्यात्मिक ज्ञान ही दुनिया में सच्ची शांति, एकता और सद्भाव सुनिश्चित कर सकता है। यह देखते हुए कि आज की व्यक्तिवादी जीवन शैली ने किसी के सामाजिक या प्राकृतिक वातावरण के साथ संघर्ष की संभावना को बढ़ा दिया है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि आध्यात्मिकता व्यक्ति को अपने सामाजिक और प्राकृतिक वातावरण के साथ एकजुट करती है। जब ऐसा सामंजस्य होता है तो व्यक्ति समाज और विश्व में सकारात्मक योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि आज के व्यक्तिवादी जीवन में अपने सामाजिक या प्राकृतिक परिवेश से हमारे संघर्ष की संभावनाएं बढ़ गई हैं। नायडू ने संतोष व्यक्त किया कि ब्रह्मा कुमारी जैसी संस्थाएं समाज की इस विकृति को दूर कर रही हैं। सहज और सरल भाषा में हमारी शंकाओं का समाधान कर रही हैं। अपने सवालों का समाधान निकालने में हमारी मदद कर रही हैं। जिससे हमारे जीवन में रचनात्मक शांति और समाज में सौहार्द पैदा होता है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद, पूर्व सीबीआई निदेशक डी आर कार्तिकेयन, ब्रह्म कुमारी बहिन आशा, बहिन शिवानी, मृत्युंजय तथा अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील

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