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दिल्ली में एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम की समीक्षा

नई दिल्ली, 29 जून (आईएएनएस)। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम(ईएमसी) की प्रगति की समीक्षा की। सिसोदिया ने ईएमसी से संबंधित टीचिंग-लनिर्ंग मटेरियल को सभी स्कूलों के प्रमुखों, शिक्षकों और ईएमसी कॉर्डिनेटर्स तक बेहतर ढंग से पहुंचाने के लिए वेब एप्लिकेशन भी लॉन्च किया। इस ऐप के माध्यम से सभी शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों के लिए ईएमसी से संबंधित संसाधनों और शिक्षण सामग्री को साझा किया जाएगा। साथ ही ईएमसी कक्षाओं का रियल टाइम डेटा एकत्र किया जा सकेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि इसमें प्रत्येक ईएमसी टीचर्स की प्रतिक्रिया एकत्र किया जा सकता है। ऐप के माध्यम से शिक्षक सभी ईएमसी संसाधनों का उपयोग करने में सक्षम होंगे। इसके माध्यम से छात्रों की सफलता की कहानियां भी एकत्र की जाएंगी। स्कूलों के प्रधानाचार्यों, मेंटर टीचर्स और ईएमसी कॉर्डिनेटर्स के साथ बातचीत करते हुए, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ईएमसी का उद्देश्य हमारे छात्रों की मानसिकता पर काम करना और उसका निर्माण करना है। हमारे स्कूलों, विशेष रूप से हमारे शिक्षकों और स्कूलों के प्रमुखों को अपने टीचिंग लनिर्ंग प्रोसेस में ईएमसी को एक विषय के रूप में स्वीकार करने की जरूरत है। ये सिर्फ एक स्कीम या योजना नहीं है बल्कि एक ऐसा विषय है जो हमारे छात्रों को किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए जरूरी कौशल देगा। हमें एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम को बहुत गंभीरता से लेना होगा और विश्वास करना होगा कि यह एक स्प्रिंगबोर्ड है। इसके माध्यम से छात्र अपनी मानसिकता को आकार देंगे और छात्र जो सीख रहे हैं, उसका बेहतर प्रयोग कर पाएंगे। एक विषय के रूप में ईएमसी छात्रों को स्वयं के लिए अवसरों की पहचान करने में मदद करेगा और उन्हें उनके करियर और जीवन में सफल बनाएगा। सिसोदिया ने कहा, अगर विद्यार्थी अपने विषयों में 100 में से 100 अंक प्राप्त करते हैं, लेकिन वे अपने नॉलेज और स्किल्स का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं, तो हमारी शिक्षा और शिक्षण निर्थक है। ये शिक्षा प्रणाली के विफलता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि आज सबसे ज्यादा मार्क्स लाने वाले विद्यार्थी भी नौकरियों के लिए आवेदन करते हैं और भटकते रहते हैं। उन्हें कोई कंपनी जल्दी नौकरी नहीं देती, क्योंकि कंपनियों को नॉलेज के साथ-साथ रचनात्मक तरीके से उसका बेहतर उपयोग करने वाले लोगों की जरूरत है। इसे ध्यान में रखते हुए, हमें ईएमसी को बड़े पैमाने पर आगे ले जाना होगा, क्योंकि ईएमसी में छात्र अपने नॉलेज का इस्तेमाल करना सीखते है। ये न केवल हमारे छात्रों को क्रिएटिव और जोखिम लेने वाला बनाएगा बल्कि उन्हें जॉब सीकर की बजाय जॉब प्रोवाइडर बनने में मदद करेगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ईएमसी का एक सबसे अहम कंपोनेंट है सीड-मनी प्रोजेक्ट जो अभी अपने पायलट फेज में चल रहा है। इसके अंतर्गत पहले 11वीं और 12वीं के प्रत्येक बच्चों को अपने खुद के एंटरप्राइज शुरू करने के लिए 1000 रुपये की सीड-मनी दी जाती है। --आईएएनएस जीसीबी/एएनएम

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