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​बांग्लादेश में बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ​​'शांतिर ओग्रोशेना'​​​ का समापन

- चार देशों की सैन्य टुकड़ियों ने किया अपने सैन्य कौशल का बेहतरीन प्रदर्शन - सेनाध्यक्ष नरवणे ने सैन्य पर्यवेक्षकों से बातचीत करके उनके योगदान को सराहा सुनीत निगम नई दिल्ली, 12 अप्रैल (हि.स.)। बांग्लादेश की पांच दिवसीय यात्रा पर गए सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे सोमवार को बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास 'शांतिर ओग्रोशेना' के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने अभ्यास में शामिल देशों के प्रतिभागियों के साथ बातचीत करके प्रशिक्षण और व्यावसायिकता के अपने उच्च मानकों के लिए सराहना की। इस समारोह की मुख्य अतिथि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना थीं। इस सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना की डोगरा रेजिमेंट ने भी हिस्सा लिया है। बांग्लादेश में 04 अप्रैल से शुरू हुए बहुराष्ट्रीय सैन्य युद्धाभ्यास 'शांतिर ओग्रोशेना' का आज समापन हुआ। चार देशों के सैनिकों ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, तुर्की, सऊदी अरब, कुवैत और सिंगापुर के पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में इस अभ्यास में भाग लिया। इस अभ्यास का उद्देश्य रक्षा संबंधों को मजबूत करना और प्रभावी शांति अभियानों को सुनिश्चित करने के लिए पड़ोस के देशों के बीच अंतरसंचालनीयता को बढ़ाना था। सभी प्रतिभागी देशों की सेनाओं ने अपने व्यापक अनुभवों को साझा किया और मजबूत सूचना आदान-प्रदान प्लेटफार्मों के माध्यम से अपनी स्थितिजन्य जागरुकता को बढ़ाया। सैन्य टुकड़ियों ने अभ्यास के दौरान व्यावसायिकता के उच्चतम मानकों को प्रदर्शित किया और वॉलीबॉल, फायरिंग और सांस्कृतिक गतिविधियों में अपने कौशल का भी प्रदर्शन किया। अभ्यास के समापन पर भारतीय सेना, रॉयल भूटानी सेना, श्रीलंकाई सेना और बांग्लादेश सेना की टुकड़ियों ने संयुक्त रूप से मजबूत शांति अभियानों के विषय पर सत्यापन चरण में हिस्सा लिया। सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने अभ्यास के सत्यापन चरण को देखा।इस अभ्यास में भाग लेने वाले देशों के सेना प्रमुखों की मौजूदगी में 'वैश्विक संघर्षों की बदलती प्रकृति: संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों की भूमिका' विषय पर कॉन्क्लेव हुआ जिसमें सेना प्रमुख ने मुख्य भाषण दिया। सेना प्रमुख ने प्रतिभागी राष्ट्रों के वरिष्ठ अधिकारियों तथा अन्य देशों के सैन्य पर्यवेक्षकों से बातचीत भी की। उन्होंने बांग्लादेश इंस्टीट्यूट ऑफ पीस सपोर्ट ऑपरेशन ट्रेनिंग का दौरा करके इसके सदस्यों के साथ बातचीत की और शांति सैनिकों को प्रशिक्षण देने में उनके योगदान की सराहना की। हिन्दुस्थान समाचार

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