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शिक्षा मंत्रालय कर रहा है डिजिटल डिवाइड विभाजन को पाटने का प्रयास

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश की शिक्षा प्रणाली डिजिटल मोड के साथ आगे बढ़ेगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय उच्च शिक्षा में भी डिजिटलीकरण के लिए कई नई योजना बना रहा है। इससे अब शिक्षण संस्थानों में न केवल पंजीकरण और प्रवेश प्रक्रिया बल्कि बल्कि शिक्षण एवं अध्यापन से जुड़े अन्य कार्य भी डिजिटल मोड में संचालित किए जा सकेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने के मुताबिक कई ऐसे उपाय किए जा रहे हैं जिनका मकसद कौशल-आधारित शिक्षा को प्रोत्साहन देना, नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करना, डिजिटल विभाजन को पाटने के लिए कदम उठाना है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार हमारी युवाशक्ति की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कई रास्ते बना रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि ऑनलाइन डिजिटल शिक्षा प्लेटफॉर्म स्वयं के माध्यम से 2,000 से अधिक ऑनलाइन पाठ्यक्रम देशभर में शुरू किए गए हैं। इसके तहत 6.5 लाख उम्मीदवार सर्टिफाइड भी किए जा चुके हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक देश में शिक्षा को एक डिजिटल पुश दिया जा रहा है। इसके जरिए 10 लाख से अधिक छात्रों को स्मार्ट इंडिया हैकेथोन में जोड़ा गया है। सात हजार से ज्यादा शिक्षण संस्थानों को इस प्रक्रिया में शामिल किया गया। देशभर के छात्रों के 5600 आइडिया इस प्रक्रिया में शामिल किए गए। उन्होंने बताया कि नेशनल डिजिटल लिटरेसी मिशन के अंतर्गत एक लाख से अधिक नागरिकों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया यह रोडमैप देश भर के छात्रों और संस्थानों के बीच डिजिटल डिवाइड को पाटने का भी काम कर रहा है। वहीं स्किल इंडिया के जरिए भी शिक्षा के क्षेत्र में नए बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है। स्किल इंडिया के तहत ने सोमवार को देश भर के 400 स्थानों पर एक दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षुता मेला का आयोजन किया। यह मेला स्किल इंडिया ने प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के सहयोग से आयोजित किया गया। मेला देश भर में 400 से अधिक स्थानों पर आयोजित किया गया था। इस पहल के तहत, लगभग एक लाख प्रशिक्षुओं को काम पर रखने और नियोक्ताओं को सही प्रतिभा का उपयोग करने में मदद मिलेगी। साथ ही प्रशिक्षण और व्यावहारिक कौशल प्रदान करने के साथ साथ इसे और विकसित करने में सहायता करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम में बिजली, रिटेल, दूरसंचार, आईटी, आईटीईएस, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोटर वाहन और अन्य जैसे 30 से अधिक क्षेत्रों में काम कर रहे 2000 से अधिक संगठनों की भागीदारी दर्ज की गई। --आईएएनएस जीसीबी/आरजेएस

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