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नॉर्थ ईस्ट राज्यों के संग नई शिक्षा नीति पर केंद्र करने जा रहा है एजुकेशन कॉन्क्लेव

दिल्ली, 19 नवंबर (आईएएनएस)। नई शिक्षा नीति के प्रावधानों को उत्तर पूर्वी राज्यों में भी जल्द से जल्द लागू किया जाएगा। इसके लिए अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ नॉर्थ ईस्ट एजुकेशन कॉन्क्लेव करने जा रहा है। इसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ-साथ सभी उत्तर पूर्वी राज्य के शिक्षा मंत्री शामिल होंगे। यह शिक्षा कॉन्क्लेव नई शिक्षा नीति के तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है। गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए कौशल विकास मंत्रालय ने भी कई नई और विशेष योजनाएं शुरू की हैं। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हम सुंदर उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं 20 और 21 नवंबर को उत्तर-पूर्व शिक्षा सम्मेलन 2020-21, पूर्वोत्तर राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन और कई अन्य कार्यक्रमों में भाग लूंगा। यह सम्मेलन सीखने के परि²श्य को मजबूत करेंगे और शिक्षा को और अधिक जीवंत बनाएंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन में तेजी लाना, हमारे शिक्षकों और संस्थानों की क्षमता का निर्माण करना और भविष्य के लिए तैयार भारत बनाना एक सामूहिक जिम्मेदारी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, मैं पूर्वोत्तर भारत के छात्रों के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए नॉर्थ ईस्ट एजुकेशन कॉन्क्लेव की प्रतीक्षा कर रहा हूं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर अपनी अंतर्²ष्टि साझा करते हुए, उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति एकता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए एक बहु-विषयक दुनिया के लिए विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, मानविकी और खेल में बहु-विषयक और समग्र शिक्षा प्रदान करता है। गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी राज्यों में शिक्षा, तकनीकी शिक्षा व कौशल विकास की विभिन्न योजनाओं को लागू किया जा रहा है। यहां आईआईटी गुवाहाटी के स्कॉलर्स द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित भारत की पहली कार्गो ड्रोन और यूएवी टेक्नोलॉजी भी विकसित की जा रही है। आईआईटी गुवाहाटी में यह ड्रोन और यूएवी प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान का पहला उत्कृष्टता केंद्र होगा। कार्गो ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग उत्तर पूर्व के दूरदराज के क्षेत्रों में तत्काल चिकित्सा और आपातकालीन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया जाएगा। यहां उत्तर पूर्व में ड्रोनपोर्ट की भी पहल की गई है। यह पूर्वोत्तर क्षेत्र में ड्रोन प्रौद्योगिकी के विकास और अपनाने को बढ़ावा देने के लिए है। आईआईटी गुवाहाटी में की गई चार पहलों में से एक है। यह पहल ड्रोन प्रौद्योगिकी के विकास और कार्यान्वयन के विभिन्न पहलुओं जैसे तकनीकी प्रगति, प्रशिक्षण, कानूनी पहलुओं, प्रशासनिक प्रबंधन, रसद, और पूरे क्षेत्र के लाभ के लिए अपनाने को संबोधित करेगी। --आईएएनएस जीसीबी/एएनएम

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