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छोटे किसानों और उद्यमियों की आर्थिक तरक्की केंद्र की प्राथमिकताः मोदी

कोयंबटूर/नई दिल्ली, 25 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पिछले दशकों के दौरान किसानों और छोटे उद्योगों और व्यापारियों की कोई सुनवाई नहीं हुई तथा उनकी सरकार ने इन तबकों की आर्थिक खुशहाली के लिए अनेक उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने छोटे किसानों को अपने पांव पर खड़ा होने के लिए अनेक उपाय किए हैं। छोटे किसानों को बिचौलियों से निजात दिलाने के उपाय किए गए हैं। इस सिलसिले में उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का जिक्र किया। इसके दो वर्ष बीते बुधवार को पूरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना से देश के 11 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं। मोदी ने तमिलनाडु में विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद कोयंबटूर में एक रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश में अब तक विकास का यह ढर्रा रहा है कि सबसे मुखर तबकों को फायदा पहुंचाया जाए। हमारी सरकार ने इन प्राथमिकताओं को बदलते हुए छोटे किसानों और छोटे उद्यमों व व्यवसायियों के कल्याण को महत्व दिया है। सरकार की विभिन्न योजनाएं इन तबकों के आर्थिक उन्नयन पर केंद्रित हैं। मोदी ने केंद्र सरकार के किसान हितैषी उपायों का जिक्र करते हुए कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड, मृदा परीक्षण कार्ड, खरीद-बिक्री की ई-नाम योजना और फसल बीमा योजना के जरिए कृषि क्षेत्र का कायाकल्प करने का सक्रिय प्रयास किया गया है। मोदी ने विपक्ष पर प्रहार करते हुए कहा कि देश में राजनीति के दो मॉडल हैं। विपक्ष की राजनीति कुशासन और भ्रष्टाचार से ग्रस्त है जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की राजनीति करुणा और सबके कल्याण पर आधारित है। इस सिलसिले में उन्होंने तमिलनाडु में द्रमुक मुनेत्र कषगम (डीएमके) और कांग्रेस के गठबंधन की आलोचना करते हुए कहा कि ये दल भ्रष्टाचार में डूबे हैं। उनकी प्राथमिकता यही है कि लोगों को कैसे लूटा जाए । मोदी ने कहा कि विपक्ष की राजनीति लोगों को डराने-धमकाने और उनका उत्पीड़न करने की है। ये लोग भ्रष्टाचार के नए-नए तरीके खोजते हैं। भ्रष्टाचार में पांरगत लोगों को विभिन्न पद दिए जाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और डीएमके परिवारवादी राजनीति चला रहे हैं। परिवार के लोगों को ही राजनीति में स्थापित करने की कवायद की जाती है, जो सफल नहीं रही है। उन्होंने कहा कि परिवारवादी राजनीति से तमिलनाडु और देश का भला नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि एनडीए विभिन्न राज्यों की क्षेत्रीय आशा, अपेक्षाओं के साथ ही देश की प्रगति के लिए समर्पित है। वह सहयोगपरक, संघीय प्रणाली में विश्वास रखता है। उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में कुछ समय बाद राज्य विधानसभा चुनाव होने हैं, जिनमें भाजपा सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। इसका मुकाबला द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन से होगा। हिन्दुस्थान समाचार/अजीत

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