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ई-एप्लिकेशन-श्रमिक कल्याण पोर्टल ने संविदा कर्मियों का पारिश्रमिक भुगतान किया सुनिश्चित : रेलवे

नई दिल्ली, 11 मार्च (हि.स.)। भारतीय रेलवे का दावा है कि ई-एप्लिकेशन-श्रमिक कल्याण पोर्टल ने स्टेशनों पर साफ-सफाई व अन्य कार्यों में लगे संविदा कर्मियों के वेतन भुगतान में निजी ठेकेदार और अधिकारियों की मनमर्जी पर अंकुश लगाया है। इससे संविदा कर्मियों को न्यूनतम पारिश्रमिक का शत-प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित हुआ है। ई-एप्लिकेशन की मदद से ठेकेदारों द्वारा संविदा कर्मियों को किए जाने वाले भुगतान की निगरानी में रेलवे को मदद मिलती है। रेल मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि श्रमिकों का हित सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेलवे ने 01 अक्टूबर, 2018 ई-एप्लीकेशन को लागू किया था। नौ मार्च तक ई-पोर्टल पर कुल 15,812 ठेकेदारों और 3,81,831 संविदा कर्मियों का पंजीकरण हो चुका है। इसके अलावा भारतीय रेलवे के अंतर्गत इस पोर्टल पर 48,312 लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस के साथ-साथ कुल छह करोड़ कार्य दिवसों और 3495 करोड रुपये से अधिक की मजदूरी के भुगतान का भी पंजीकरण हुआ। भारतीय रेलवे के अंतर्गत काम करने वाली सभी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां इस एप्लिकेशन का उपयोग कर रही हैं। ई-एप्लीकेशन न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करता है और यह भी सुनिश्चित करता है कि इस ई-एप्लीकेशन पर भारतीय रेलवे में काम करने वाले संविदा कर्मियों को किए जाने वाले भुगतान का विवरण ठेकेदार नियमित रूप से अपलोड करें। ठेकेदारों का बिल पास करने से पहले रेलवे के बिल पास करने वाले प्राधिकारी इस बात की भी जांच करते हैं कि ई-एप्लीकेशन पर ठेकेदार द्वारा उसके साथ जुड़े संविदा कर्मियों का मजदूरी से जुड़ा डाटा अपलोड किया गया है या नहीं। ई-एप्लीकेशन पोर्टल पर संविदा कर्मियों का पहचान पत्र (आईडी) बनाए जाने का भी प्रावधान है। साथ ही साथ उन्हें अदा की जाने वाली मजदूरी और ईपीएफ तथा ईएसआईसी में किए गए योगदान संबंधी एसएमएस भी समय-समय पर उन्हें भेजा जाना अनिवार्य है। हिन्दुस्थाव समाचार/सुशील

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