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डिफेंस सेक्टर के स्वदेशीकरण में डीआरडीओ की भूमिका अहम: रक्षा मंत्री

- राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ के स्किल डेवलपमेंट सेंटर का उद्घाटन किया - आग बुझाने के बारे में आम लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने की जरूरत नई दिल्ली, 22 फरवरी (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज हमारा देश आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। जिस डिफेंस सेक्टर के लिए आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण अब तक दूर की कौड़ी समझी जाती थी, वह सेक्टर भी स्वदेशीकरण की ओर लम्बे कदम आगे बढ़ा रहा है। इसमें डीआरडीओ की एक अहम भूमिका है। स्टार्ट-अप इंडिया, ग्रामोद्योग विकास योजना और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रारंभ से ही कौशल विकास के कोर्स की बात चल रही है। ये सभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमारे यूथ के स्किल को बढ़ावा देना सुनिश्चित करते हैं। रक्षा मंत्री ने सोमवार को पिलखुआ (उत्तर प्रदेश) में वर्चुअल माध्यम से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के स्किल डेवलपमेंट सेंटर का उद्घाटन किया। इसी समारोह में उन्होंने कहा कि स्किल का हमारे जीवन में क्या महत्व है, यह बताने की जरूरत नहीं है। मानव सभ्यता का इतिहास हमें बताता है कि वही लोग, वही राष्ट्र आगे बढ़े हैं, जिन्होंने मौजूदा स्किल में महारथ हासिल की है, साथ ही नई-नई स्किल विकसित भी की हैं। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश के पिलखुआ में अग्नि सुरक्षा को समर्पित डीआरडीओ के कौशल विकास केंद्र के उद्घाटन मौके पर कुशल अग्निवीर उपस्थित हैं। यह केंद्र अग्नि सुरक्षा, एकीकृत सुरक्षा और आपदा प्रबंधन की सफलता में यह एक नया आयाम है। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह कौशल केंद्र भी आने वाले समय में हमारे देश के लोगों और उनकी संपत्तियों की सुरक्षा में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ साबित होगा। उन्होंने डीआरडीओ की सराहना करते हए कहा कि आज चाहे मास्क, पीपीई किट हो, परीक्षण प्रयोगशालाओं या फिर नि:शुल्क पेटेंट देने की बात हो, तेजस और अर्जुन टैंक की बात हो या फिर इस तरह के कौशल विकास केंद्र का निर्माण हो, सभी क्षेत्रों में यह संगठन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। आज हमारा देश आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। डिफेंस सेक्टर भी स्वदेशीकरण की ओर लम्बे कदम आगे बढ़ा रहा है, जिसमें भी डीआरडीओ की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर हमें मालूम ही नहीं होता कि आग लगने पर हमें करना क्या है। हम उस समय कुआं खोदने की तैयारी करने लगते हैं, तब तक अनहोनी हो जाती है। बिल्डिंग्स में आग बुझाने वाले यंत्र या पाइप लगे होते हैं, परन्तु उनके बारे में भी किसी को कुछ नहीं पता होता। हम लोगों को इतना तो बता ही सकते हैं कि आग बुझाने के ऑपरेटिंग लीवर क्या होते हैं, होज कनेक्टर क्या होता है या फिर स्प्रे नोजल क्या होते हैं और उन्हें प्रयोग में कैसे लाते हैं। इसके साथ ही अपने स्तर पर लोगों में जागरुकता बढ़ाने का प्रयास भी हमें करना है। इस स्किल डेवलपमेंट सेंटर से प्रशिक्षण के दौरान मिली जानकारियों को आम जनता में प्रसारित करने की जरूरत है। हमें यह हमेशा याद रखना है कि जिनके अन्दर देश प्रेम की आग है, बाहरी आग उनके सामने ज्यादा देर ठहर ही नहीं सकती है। यह भावना हमें अपने अन्दर हमेशा बनाकर रखनी है। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत

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