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डीयू में हाई कट ऑफ कर रही है मायूस, छात्र नए विकल्प तलाशने को मजबूर

नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली विश्वविद्यालय की पहली कटआफ 100 फीसदी रही, दूसरी और तीसरी कटआफ भी बस कुछ ही नीचे आई। चौथी कटआफ में भी 1 से 3 प्रतिशत का अंतर आया है। हालात यह है कि 90 से 95 फीसदी अंक लाने वाले देश भर के हजारों छात्र अभी भी दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले की बाट जोह रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में देश के विभिन्न राज्यों के छात्र दाखिला लेते हैं। इस वर्ष बड़ी संख्या में केरल के छात्रों को यहां विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिला मिला है। अब तक जिन छात्रों को कॉलेजों में दाखिला नहीं मिल सका उनके लिए इवनिंग कॉलेज भी एक विकल्प है। दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों में दो शिफ्ट हैं जिनमें से एक मॉनिर्ंग और दूसरी इवनिंग है। दिल्ली विश्वविद्यालय के इवनिंग कालेजों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह का कहना है कि फिलहाल इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अगले वर्ष इसपर विचार होगा। इवनिंग कालेजों की संख्या बढ़ने से दिल्ली विश्वविद्यालय में अधिक छात्रों को दाखिला मिल सकेगा। गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएट कोर्स के लिए 70 हजार सीटें हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय ने इन 70 हजार सीटों पर दाखिले के लिए अभी तक चार कट-ऑफ और एक स्पेशल कट-ऑफ लिस्ट जारी की हैं। कट-ऑफ के आधार पर अब तक करीब 2 लाख छात्रों ने दाखिले के लिए आवेदन किया है। इनमें से 58,000 से अधिक छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में दाखिला मिल चुका है । दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले से चूकने वाले छात्रों के लिए विकल्प के तौर पर दिल्ली की आईपी यूनिवर्सिटी अंबेडकर यूनिवर्सिटी और दिल्ली से सटे हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के विकल्प मौजूद हैं । वही कई छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय के बाद इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय को भी प्रमुखता देते आए हैं । वहीं प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला देने की प्रक्रिया को भी हाई कट ऑफ से बचने का एक अच्छा विकल्प माना जा रहा है। दिल्ली विश्वविद्यालय में भी हाई कटऑफ से दाखिले की बजाए अब सेंट्रल यूनिवर्सिटीज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीयूसीईटी) लागू करने की मांग प्रबल हो गई है। इसके तहत सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट लिया जाएगा। नई शिक्षा नीति के तहत यह व्यवस्था अगले शैक्षणिक सत्र से लागू की जा सकती है। दिल्ली विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य अशोक अग्रवाल ने दिल्ली विश्वविद्यालय समेत अन्य सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला देने की मांग विश्वविद्यालय प्रशासन एवं शिक्षा मंत्रालय के समक्ष रखी है। उन्होने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में जिस तरह से कई विषयों के लिए 100 फीसदी की कट ऑफ लिस्ट जारी की गई है वह हजारों मेधावी छात्रों को हतोत्साहित करता है। --आईएएनएस जीसीबी/आरजेएस

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