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बाबरी विध्वंस ने हिंदू-मुस्लिम संबंधों को तनावपूर्ण बनाया?

नई दिल्ली, 6 दिसम्बर (आईएएनएस)। आईएएनएस-सीवोटर स्नैप पोल के अनुसार, बड़ी संख्या में भारतीयों का मानना है कि 1991 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस ने पूरे देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया। 5 दिसंबर, 2021 को इस बाबत रैंडम सैंपलिंग किया गया। राष्ट्रीय स्तर पर कुल 1942 लोगों ने इसमें भाग लिया। कम से कम 98.1 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि इस घटना ने दोनों समुदायों के बीच संबंधों को खराब कर दिया। हालांकि, इन उत्तरदाताओं में से 59.3 प्रतिशत ने आगे कहा कि इस घटना के कारण तनावपूर्ण हुए समुदायों के बीच संबंध समय के साथ ठीक हो रहे हैं। 38.8 प्रतिशत ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम संबंध स्थायी रूप से खराब हो गए। सर्वेक्षण में भाग लेने वालों में से केवल 1.9 प्रतिशत ने कहा कि इस घटना ने देश में हिंदू मुस्लिम संबंधों को नुकसान नहीं पहुंचाया। हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर बाबरी विध्वंस के प्रभाव की स्पष्ट अभिव्यक्ति घटना के बाद हुए व्यापक सांप्रदायिक दंगे थे। धार्मिक घृणा ने राष्ट्र को अपनी चपेट में ले लिया था और विभिन्न राज्यों में सांप्रदायिक दंगों ने 1,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में, गंभीर सांप्रदायिक दंगों की संख्या में कमी आई है और सर्वेक्षण में उत्तरदाता देश में सांप्रदायिक हिंसा में गिरावट के कारणों पर समान रूप से विभाजित दिखे। जबकि 30.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि न्यायपालिका द्वारा दंगाइयों को अनुकरणीय दंड सांप्रदायिक दंगों की संख्या में कमी का मुख्य कारण है, सर्वेक्षण में भाग लेने वालों में से 36.5 प्रतिशत ने कहा कि दोनों समुदायों के शांत दिमाग वाले प्रमुखों ने पीड़ा को शांत किया, जोकि सांप्रदायिक हिंसा को कम करने का प्रमुख कारण है। वहीं 32.7 प्रतिशत का मानना था कि पुलिस द्वारा बेहतर कानून व्यवस्था इसका कारण है। --आईएएनएस आरएचए/एएनएम

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