उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने लव जिहाद के मुद्दे पर विधर्मियों पर साधा निशाना
बोले, भविष्य में यूपी औऱ एमपी की तरह गुजरात में इसके खिलाफ कानून बनाने पर विचार करेंगे सूरत/अहमदाबाद,15 जनवरी (हि.स.)। लव जिहाद के मुद्दे पर राज्य में राजनीति गर्म है। डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने आज राम मंदिर निर्माण निधि अभियान के एक कार्यक्रम में कहा कि हिंदू धर्म शाश्वत रहना है। इसमें तो कोई शक ही नहीं है लेकिन आज कल लोगों में संकीर्णता है पर यह अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में, धर्मनिरपेक्ष वक्ताओं को भुला दिया जाता है और सोमनाथ मंदिर बनाया गया और सरदार पटेल अमर हो गए। लव जिहाद के मुद्दे पर उन्होंने विधर्मियों पर निशाना साधा और बोले कि हमारे बेटों और बेटियों को क्यों नीचा दिखा रहे थे। आज दुनिया का कोई भी देश ऐसा नहीं है जहां भारतीय न हों लेकिन होली के दिन किसी भी पतंग को क्यों नहीं चगाता है। कुछ कमजोर और संकीर्ण सोच रखने वाले लोग सोचते हैं कि कोई भी हमारे धर्म के बिना नहीं रह सकता है, सुनो, हिंदू धर्म शाश्वत रहना है। अब अमेरिका में भारतीयों को वीजा जारी करना आवश्यक हो गया है। हर कोई परिवार की संस्कृति पर आधारित एक समाज और एक राष्ट्र चलाता है। कुछ गुमराह हिंदू महिलाओं को धोखा दिया जाता है और हिंदू लड़कियों से शादी करने के लिए गुमराह किया जाता है। हमारे संज्ञान में आया है कि ये युवतियां बाद में असहाय और दुखी हो जाती हैं। ऐसा नहीं होता है और देश की एकता जरूरी है। साथ रहने की परंपरा है, यह जरूरी है। कुछ ने धर्मों में अशांति पैदा की है। उन्होंने कहा कि देश ने मध्यप्रदेश और यूपी में ऐसी शादियों को रोकने के लिए लव जिहाद का कानून बनाया है। गुजरात सरकार के पास भी ऐसा कानून बनाने का प्रस्ताव है। मध्यप्रदेश और यूपी कानून का अध्ययन रहे हैं ताकि भविष्य में इस पर विचार किया जा सके कि क्या जरूरत के अनुसार गुजरात में ऐसा कानून बनाया जा सकता है। नितिन पटेल ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की बात करके आज जवाहरलाल नेहरू को भुला दिया गया है। जबकि सरदार पटेल सोमनाथ मंदिर के निर्माण से अमर हो गए हैं। भगवा ध्वज हमारी संस्कृति है जो हमेशा के लिए जीवित रहेगी लेकिन कुछ कमजोर दिमाग वाले लोग इसे नहीं समझते। ऐसे ही कुछ लोग अब राम मंदिर में भी यही बात कहेंगे लेकिन उन्होंने हिंदुओं से अपील की कि वे ऐसे लोगों की बातों से गुमराह न हों। हिदुस्थान समाचार/ हर्ष/पारस-hindusthansamachar.in