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गलवान घाटी में चीन की चुनौती का सामना करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनातीः राष्ट्रपति

नई दिल्ली, 29 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्वी लद्दाख में चीन के सैन्य दुस्साहस को नाकाम बनाने के लिए देश के जवानों के शौर्य और पराक्रम की सराहना करते हुए कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अतिरिक्त सैन्य बलों की तैनाती कर सीमा सुरक्षा को सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने पिछले वर्ष गलवान घाटी में सर्वोच्च बलिदान करने वाले 20 भारतीय सैनिकों के प्रति राष्ट्र की ओर से कृतज्ञता व्यक्त की। राष्ट्रपति ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के केंद्रीय कक्ष में दिए गए अपने अभिभाषण में कहा कि कोरोना महामारी जैसी भीषण आपदा के दौरान ही देश को सीमा पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा। चीन का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आपसी संबंधों और समझौतों को दरकिनार करते हुए शांतिभंग की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों ने पूरी सजगता शक्ति और हौसले के साथ इन षड्यंत्रों का मुंहतोड़ जवाब दिया। सीमा पर यथास्थिति बदलने के प्रयासों को नाकाम बना दिया गया। देश की रक्षा तैयारियों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत की बढ़ती विश्व भूमिका के मद्देनजर सैन्य बलों को मजबूत बनाया जा रहा है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया जा रहा है तथा आधुनिक सैन्य साजो-सामान सेना में शामिल किया जा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 83 स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस खरीदने का फैसला किया है। इस पर 48 हजार रूपये खर्च होंगे। रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र से जुड़े 100 से अधिक सामानों की आयात पर रोक लगा दी गई है। सुपरसोनिक तारपीडो, क्विक रिएक्शन मिसाइल टैंक और राइफलों सहित अनेक अत्याधुनिक हथियार देश में बन रहे हैं। साथ ही भारत रक्षा सामानों के निर्यात में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/अजीत-hindusthansamachar.in

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