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विभागीय पदाधिकारी निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप कार्य करते हुए कर वसूली के लक्ष्यों को पूरा करें:उप मुख्यमंत्री

गोविन्द चौधरी -वाणिज्य-कर विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय भवन एवं अन्य मूलभूत कमियों को शीघ्र दूर किया जाएगा पटना, 08 मार्च (हि.स.)। वाणिज्य-कर सभागार में उप मुख्यमंत्री-सह-वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने वाणिज्य-कर विभाग के अंतर्गत संचालित कार्यों एवं कर वसूली की आज समीक्षा की।बैठक में डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने निर्देश देते हुए कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष मैं काफी कम समय बचा है, विभागीय पदाधिकारी अपने निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप कार्य करते हुए कर वसूली के लक्ष्यों को पूरा करें। उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि कोविड-19 की प्रतिकूलता के बावजूद विभाग ने गत कुछ महीनों में ही कर वसूली के मामले में बेहतर प्रगति की है, परंतु अभी और मेहनत करने की जरूरत है। वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि वाणिज्य-कर विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय भवन एवं अन्य मूलभूत कमियों को शीघ्र दूर किया जाएगा। विभाग के स्तर से इस दिशा में समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के आर्थिक परिदृश्य पर कोरोना की प्रतिकूलता के बावजूद वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजटीय आकार में कोई कमी नहीं की गई है, बल्कि इसका आकार बढ़ा है। इसलिए अधिकारी पूरी तत्परता के साथ मेहनत करें एवं लक्ष्य के अनुरूप प्रगति लाएं। बैठक के दौरान वाणिज्य-कर विभाग की सचिव डॉ. प्रतिमा ने विभागीय स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जी.एस.टी.आर.-3बी रिटर्न दाखिले की औसत स्थिति दिसम्बर 2020 तक संपूर्ण भारत में 89.37 प्रतिशत के मुकाबले बिहार में 85.54 प्रतिशत है। अप्रैल 2019 से फरवरी 2020 में राजस्व संग्रहण जहां 22493.34 करोड़ था, वही अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 की अवधि में 22709.39 करोड़ हुई है, जिसमें 0.96 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि करवंचना की रोकथाम के लिए विभागीय डाटा एनालिटिक्स एवं इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर इंफोर्समेंट की कार्रवाई नियमित रूप से की जा रही है। राजस्व वृद्धि के लिए भी उपाय किए जा रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2019 के दौरान अंचलों द्वारा सृजित किए गए मांग के विरुद्ध वसूल अन्य बकाया राशि 542.61 करोड़ रुपए की वसूली के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। अभी तक 89.50 करोड़ की वसूली की जा चुकी है। राजस्व वृद्धि के लिए किए जा रहे कार्यों के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में मालों का परिवहन करने वाले 5441 चलंत वाहनों की जांच की गई है जिसके विरुद्ध 5.46 करोड़ की शास्ति अधिरोपित करते हुए उसकी वसूली की गई है। उन्होंने कहा कि जीएसटी रिफंड के अंतर्गत 26 सितंबर 2019 के प्रभाव से जीएसटी रिफंड की प्रक्रिया पूर्णत: ऑनलाइन की गई है। वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक कुल 1674 मामलों में 152.09 करोड़ तथा 2020-21 में कुल 1423 मामलों में 215.45 करोड़ के जीएसटी रिफंड की स्वीकृति प्रदान की गई है। साथ ही, जीएसटी रिफंड के लिए निर्धारित समय-सीमा 60 दिनों से अधिक का कोई भी मामला लंबित नहीं है। ई-वे बिल के अंतर्गत जीएसटी के तहत मालों के परिवहन के लिए ऑनलाइन ई-वे बिल निर्गत किए जाने का प्रावधान है। अंतरप्रांतीय मामलों में 50 हजार एवं राज्य के अंदर परिवहन के लिए 01 लाख से अधिक के मालों के परिवहन के लिए ई-वे बिल आवश्यक है।सचिव ने बैठक के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि बिहार कराधान समाधान योजना (वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम) के तहत जीएसटी के पूर्व के अधिनियमों के बकाए के समाधान के लिए बिहार कराधान समाधान अधिनियम 2019 लागू किया गया है।उप मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विभाग के सभी महिला पदाधिकारी एवं कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विभाग वर्तमान वित्तीय वर्ष के शेष बचे दिनों में मेहनत कर लक्ष्यों को प्राप्त करे एवं कर संग्रहण में लक्ष्य के अनुरूप तेजी लाए। हिन्दुस्थान समाचार

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