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मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश वापस भेजने की मांग पर गुरुवार को भी होगी सुनवाई

- सॉलिसिटर जनरल ने पूरे मामले को बताया फिल्मी साजिश जैसा नई दिल्ली, 03 मार्च (हि.स.)। मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश वापस भेजने की यूपी सरकार की मांग पर कल यानि 4 मार्च को भी सुनवाई जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को दोनों तरफ से गर्मागर्म बहस हुई। यूपी सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पूरा मामला फिल्मी साजिश जैसा है। यूपी सरकार का कहना है कि पंजाब में एक केस दर्ज करवाकर उसे वहां असंवैधानिक तरीके से रखा गया है। सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब पुलिस को शिकायत मिली कि किसी अंसारी ने एक व्यापारी को रंगदारी के लिए फोन किया। बिना यूपी की कोर्ट से अनुमति लिए उसे सीधे बांदा जेल से पंजाब ले जाया गया। अगर वाकई मुख्तार अंसारी ने व्यापारी को फोन किया था तो जनवरी 2019 में गिरफ्तारी होने के बाद से अब तक चार्जशीट दाखिल क्यों नहीं हुई। गिरफ्तारी के 60 दिनों के बाद वह डिफॉल्ट जमानत का हकदार था। दो सालों से न तो पंजाब पुलिस कार्रवाई कर रही है, न मुख्तार जमानत मांग रहा है। यह न्यायिक प्रक्रिया का मज़ाक है। तुषार मेहता ने कहा कि मुख्तार अंसारी अपनी सुविधा के हिसाब से कुछ मामलों में पेश भी हुआ है लेकिन यूपी के वारंट पर कह दिया जाता है कि उसकी तबीयत खराब है। पूरे मामले में मिलीभगत साफ नजर आ रही है।उन्होंने कहा कि 2005 से मुख्तार जेल में है। वह वहीं से काम करता रहा है। 2014 में हाईकोर्ट ने कहा था कि निचली अदालतों में भी उसका दबदबा दिखाई देता है। तब कोर्ट ने कहा कि आप कानूनी बिंदुओं पर दलीलें रखें। तुषार मेहता ने कहा कि यूपी की कोर्ट के तमाम वारंट की उपेक्षा की गई। कई बार कहा गया कि वह स्वस्थ नहीं है। उसी दौरान वह दिल्ली की कोर्ट में पेश हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्तार का मेडिकल सर्टिफिकेट देखिए, कभी लिखा है गला खराब है, कभी लिखा है सीने में दर्द है। मुख्तार सिर्फ यूपी की कोर्ट ही नहीं सुप्रीम कोर्ट को भी गुमराह कर रहा है। उन्होंने कहा कि न्याय हित में जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल करे। आरोपी को वापस यूपी भेजे। पंजाब में दर्ज मुकदमा भी यूपी ट्रांसफर हो। इस मामले में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके कहा है कि प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट में मुख्तार अंसारी के खिलाफ जघन्य अपराध के दस केस दर्ज हैं। यूपी सरकार ने कहा है कि बांदा जेल सुपरिटेंडेंट ने उसे एमपी-एमएलए कोर्ट की अनुमति के बिना पंजाब पुलिस को सौंपा है। यूपी सरकार ने कहा है कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ कई बार पेशी वारंट जारी किए जा चुके हैं। रोपड़ जेल अधिकारी उसे बीमार बताते रहे। मुख्तार अंसारी पिछले 2 साल से पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है। पंजाब सरकार मुख्तार को यूपी भेजने का विरोध कर रही है। पिछले 8 फरवरी को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पंजाब सरकार का कहना है कि मुख्तार अंसारी डिप्रेशन में है और वो कहता है कि वो स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से है लेकिन हकीकत में वो गैंगस्टर है और उसने पंजाब में केस के लिए जमानत इसलिए नहीं लगाई क्योंकि वो वहां की जेल में खुश है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत

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