हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा, नॉर्थ एमसीडी के शिक्षकों की सेलरी का हिसाब
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा, नॉर्थ एमसीडी के शिक्षकों की सेलरी का हिसाब

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा, नॉर्थ एमसीडी के शिक्षकों की सेलरी का हिसाब

नई दिल्ली, 30 जून (हि.स.)। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के शिक्षकों को सैलरी देने के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वे हलफनामा दायर कर यह बताए कि नगर निगम को कितना पैसा दिया है और अभी कितना पैसा देना है। जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया कि वो शिक्षकों की सैलरी देना सुनिश्चित करे। मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी। सुनवाई के दौरान शिक्षकों की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने हस्तक्षेप याचिका दायर किया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नौ हजार शिक्षकों को सैलरी नहीं मिली है और 24 हजार पेंशनर्स को फरवरी के बाद से पेंशन नहीं मिली है। नगर निगम ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने कोरोना ड्यूटी में लगे करीब पांच हजार शिक्षकों को कल सैलरी दी है। इस पर जस्टिस हीमा कोहली नाराज हो गईं और कहा कि जो बाकी तीन हजार शिक्षक कोरोना ड्यूटी पर नहीं थे उनका क्या अपराध है कि उनकी सैलरी नहीं दी गई है। तब नगर निगम ने कहा कि बाकी शिक्षकों को भी सैलरी दी जाएगी। कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम से पूछा कि आप अप्रैल, मई और जून की सैलरी का क्या कर रहे हैं। ये काफी दुखद स्थिति है। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा है कि उन्होंने अब तक उत्तरी दिल्ली नगर निगम को कितना पैसा दिया है और कितना बकाया है। हाई कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को शिक्षकों की सैलरी का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। आज की हाई कोर्ट की सुनवाई के बाद वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नौ हजार शिक्षकों को जल्द सैलरी मिलेगी। पिछले 26 जून को हाई कोर्ट ने शिक्षकों को पिछले तीन माह की सैलरी अब तक नहीं देने पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाई थी। सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कहा था कि उसके पास फंड नहीं है कि वो शिक्षकों को सैलरी दे सके। तब कोर्ट ने कहा था कि आप शिक्षकों के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि अप्रैल से लेकर जून तक शिक्षकों की सैलरी देने की योजना नगर निगम के पास क्यों नहीं है। पिछले 18 जून को कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया था कि वह अपने शिक्षकों को एक हफ्ते के अंदर बकाया सैलरी का भुगतान करें। याचिका अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ ने दायर की है। कोर्ट ने कहा था कि शिक्षकों को केवल अपनी सैलरी के भुगतान के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है वह भी ऐसे समय में जब लॉकडाउन की वजह से लोग मानसिक अवसाद से ग्रसित हो रहे हैं। कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि उसके पास फंड की कमी है। कोर्ट ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम कोर्ट में बयान देने से कतरा रही है कि फंड की कमी की वजह से उसके अधिकारियों की भी सैलरी रोकी गई है । इसलिए शिक्षकों पर ही तलवार क्यों लटकाई जा रही है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील रंजीत शर्मा ने कोर्ट को बताया था कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के शिक्षकों को पिछले मार्च से सैलरी नहीं दी जा रही है। उन लोगों ने हाई कोर्ट में इसलिए याचिका दायर की क्योंकि सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में आजकल कामकाज निलंबित है। याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में भी याचिका दायर की थी लेकिन सिंगल बेंच ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को सैलरी देने का आदेश देने से इनकार कर दिया था। सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच में याचिका दायर की गई है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत/बच्चन-hindusthansamachar.in

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